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लखनऊ न्यूज़: यूपी के भाजपाइयों को मिशन-2024 के लिए नया टॉस्क मिला है. उन्हें अपने खराब बूथों को न सिर्फ मजबूत करना है बल्कि नंबर-1 बनाना है. सात से 10 फीसदी बूथों को बी श्रेणी से ए में लाने का लक्ष्य दिया गया है. यह टारगेट उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष दे गए हैं.
पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो वर्ष 2014, 2017, 2019 और 2022 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मिले वोटों का भाजपा ने बूथवार डाटा विश्लेषण कराया है. उसमें 38 फीसदी बूथ ऐसे हैं, जो पार्टी के लिए ए श्रेणी के हैं यानि इन बूथों पर भाजपा नंबर-1 की स्थिति पर रही है. ए श्रेणी के इन 38 फीसदी बूथों का आंकड़ा बढ़ाकर 45 से 50 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य दिया गया है.
इसके लिए सभी बूथों को नये सिरे से ए, बी, सी और डी श्रेणी में बांटने को कहा गया है. बी श्रेणी के वे बूथ थे, जहां भाजपा और विरोधी बराबरी की स्थिति में थे. सी श्रेणी में भाजपा को कम और डी श्रेणी वाले बूथों पर पार्टी को न के बराबर वोट मिले थे.
जाटव-यादव जोड़ो तो कोई बोला व्यापारी को मनाओ
दो दिनी यूपी दौरे पर आए राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने भाजपाइयों से ही पूछा कि बताइए जनाधार कैसे बढ़ाएं. उसके बाद सुझावों की झड़ी लग गई. कानपुर से ताल्लुक रखने वाले एक पदाधिकारी बोले व्यापारी हमारा कोर वोटर है. इनके लिए तमाम योजनाएं चल रही हैं, फिर भी उनमें उदासीनता है. वे खिलाफ वोटिंग तो नहीं करते मगर निराशा में वोट डालने ही नहीं जाते. एक पदाधिकारी बोले शिक्षकों की पुरानी पेंशन के मुद्दे का हल निकले तो उनका समर्थन मिल सकता है. किसी ने जाटव-यादवों का भरोसा जीतने का सुझाव दिया तो किसी ने कैरियर काउंसलिंग का. पूर्वांचल से आने वाले एक महामंत्री बोले लाभार्थी भूल जाते हैं, उन्हें याद दिलाते रहना होगा कि तुमने सरकार से यह लाभ लिया था.