उत्तर प्रदेश

बच्चों के लर्निंग आउटकम को निखारेंगे 5 डीटीएच टीवी चैनल्स

Rani Sahu
29 July 2023 12:07 PM GMT
बच्चों के लर्निंग आउटकम को निखारेंगे 5 डीटीएच टीवी चैनल्स
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लखनऊ (आईएएनएस)। बच्चों के लर्निंग आउटकम को निखारने के लिए यूपी सरकार ने प्रदेश में पीएम ई विद्या कार्यक्रम के तहत 5 डीटीएच टीवी चैनल्स की शुरुआत कर दी है। यह चैनल्स शनिवार से डीडी फ्री डिश तथा डिश टीवी पर निःशुल्क उपलब्ध हो गए हैं।
इस नई पहल के माध्यम से अब बच्चे विद्यालय के साथ घर में भी पढ़ाई कर सकेंगे। साथ ही शिक्षकों को भी पढ़ाई के नए तौर-तरीके सीखने का अवसर मिलेगा। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा 17 मई 2020 को पीएम ई-विद्या कार्यक्रम की घोषणा की गई थी। कार्यक्रम के घटकों में से एक 'वन क्लास, वन चैनल' के रूप में पीएम ई-विद्या डीटीएच टीवी चैनल्स का शुभारंभ किया गया था।
यह टीवी पर सीखने के संसाधन उपलब्ध कराकर बच्चों के घरों तक उनकी भाषा में पूरक शिक्षा उपलब्ध कराता है। निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की ओर से डायट प्राचार्यों, जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पीएम ई विद्या डीटीएच चैनल्स के शुभारंभ की जानकारी दी है। इसके अनुसार, पीएम ई-विद्या वन क्लास वन चैनल के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश को 5 डीटीएच चैनल आवंटित किए गए हैं, जिसमें कक्षा 1 से 12 के विद्यार्थियों हेतु कक्षावार और विषयवार शैक्षिक वीडियोज का प्रसारण किया जाएगा। इसके साथ ही पूर्व प्राथमिक शिक्षा तथा दिव्यांग बच्चों के लिए भी उनकी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वीडियो डीटीएच टीवी चैनलों पर प्रसारित किए जाएंगे।
विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पीएम ई-विद्या कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में कक्षा 1-12 तक के पाठ्यक्रम पर आधारित उत्कृष्ट गुणवत्ता की शिक्षण सामग्री का प्रसारण 24 घंटे रूप से डीटीएच चैनल्स पर किया जाएगा, जिससे विद्यार्थी अपनी सुविधानुसार इसका लाभ प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही साप्ताहिक रूप से विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों के लिए लाइव प्रसारण के कार्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे, जिससे उनकी समस्याओं का समाधान विशेषज्ञों द्वारा हो सकेगा।
इन चैनल्स के माध्यम से प्रतिदिन नवीन विषयवस्तु के प्रसारण के साथ-साथ उसका रिपीट टेलीकास्ट 24 घंटे चलेगा। इससे बच्चे विषयवस्तु को आसानी से समझ सकेंगे तथा शिक्षकों को भी विभिन्न विषयों को विभिन्न तरीकों से पढ़ाने की जानकारी होगी। यह शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को उन्नत बनाने में सहायक होगी।
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