- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- गिरिडीह में माइका...
गिरिडीह। जिला भाजपा ने मंगलवार को माइका को वैध कारोबार का दर्जा देकर मजदूरों और कारोबारियों को राहत देने की मांग को लेकर धरना दिया. समाहरणालय भवन के बाहर धरना प्रदर्शन में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मंराडी ने कहा कि मोदी सरकार ने राज्यहित में मजदूरों की परेशानी को देखते हुए माइका को लघु खनिज के श्रेणी में डाला. माइका पर राजस्व लेना है या नहीं, इसका फेसला राज्य सरकार को लेना है. लेकिन पिछले तीन सालों से झूठे वादे और झूठा आश्वासन देकर सत्ता चला रहे हेंमत सरकार की नीयत नहीं कि वो माइका का वैद्य करें.
मरांडी ने कहा कि जब हेमंत सरकार के कार्यकाल में उनके राज्य के अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते, तो हालात समझा जा सकता है कि माइका को वैद्य करना इस सरकार के लिए कितना जटिल है. जबकि मोदी सरकार ने इसे वैद्य करने के लिए राज्य सरकार के अड़चनों को दूर कर दिया है. और अब यह रुटीन वर्क में शामिल हो चुका है. खनिज सचिव और जेएसडीसी को बुलाकर सिर्फ फाईलों में साईन कराना है. लेकिन राज्य के अधिकारी हेमंत सरकार की सुनते कहां है, जो सुविधा के साथ इस काम को निपटाया जा सके. अगर सुनते तो तीन सालों के भीतर हेमंत सरकार के अधिकारियों के घर से सोना (Gold) और करोड़ो रुपए ऐसे ही नहीं निकलते.
मरांडी ने धरना के दौरान गिरिडीह डीसी और वन विभाग समेत तमाम अधिकारियों को कड़ा अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अब भी वक्त है सुधर जाएं, तो नहीं तो अवैध बताकर जंगल से माइका को पकड़ और योजनाओं का क्रियान्वयन में वन भूमि बताकर अड़चन डालने वाले अधिकारियों को अब जनता जंगल में ही बंधक बना लेगी और इसके लिए जनता नहीं, बल्कि हेमंत सरकार और उनके अधिकारी जिम्मेवार होंगे. क्योंकि खुद हेमंत सरकार ने अपनी पत्नी समेत गोतिया के नाम पर करोड़ों रुपए का खदान का लीज ले रखा है. दिल्ली और मुंबई (Mumbai) के ठेकेदारों को बुलाकर बालू की लूट करा रहे है और अब सरकारी योजनाओं को भी इन बाहरी ठेकेदारों से लूट कर पैसे कमा रहे है.
पूर्व सांसद (Member of parliament) रवीन्द्र राय ने कहा कि माइका कारोबार को बेहतर करने में हेमंत सरकार की भूमिका खत्म हो चुकी है. तीन सालों में नियमावली तक नहीं बनाया. अब तो लगता है कि हेमंत सरकार का राजनीतिक मौत होने वाला है. क्योंकि हेमंत बाबू को इसकी जानकारी नहीं है कि माइका को वैद्य कैसे किया जाएं, तो जिन्हें जानकारी हो, उनके साथ हेमंत बाबू बैठे. इस धरने को जमुआ विधायक केदार हाजरा ने संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने पूरे माइका कारोबार को ही डूबो दिया था.
पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी ने कहा कि माइका से केन्द्र और राज्य सरकार (State government) को करोड़ों का राजस्व मिलता है. राजस्व देने वाले इस महत्पूर्ण कारोबार को हेमंत सरकार सिर्फ इसलिए बंद रही है कि इस खनिज से उन्हें लूटने और पैसे कमाने का मौका नहीं मिल रहा. पूर्व विधायक ने धरना के मंच से हेमंत सरकार पर गरजते हुए कहा कि पहले माइका को खत्म किया और गिरिडीह (Giridih) स्टील कारोबारियों में दहशत है कि उनका कारोबार पर कहीं हेमंत सरकार ग्रहण ना लगा दे.
मौके पर नागेन्द्र महतो, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रणव वर्मा, प्रर्देश कार्यसमिति सदस्य सुरेश साहु, चुन्नूकांत, सांसद (Member of parliament) प्रतिनिधी दिनेश यादव, पूर्व विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार और भाजपा नेता लक्ष्मण सिंह भी शामिल हुए.