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गोरखपुर: आंगनबाडी केंद्रों को बायोमीट्रिक प्रणाली से युक्त करने की योजना आगे नहीं बढ़ पा रही है. जिले के 00 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों अभी भी बायोमीट्रिक प्रणाली लगने का इंतजार कर रहे हैं. पोषाहार वितरण व स्टाफ की निगरानी के संबंध में प्रणाली लगने से होगा लाभ.
पोषाहार वितरण में अधिक पारदर्शिता लाने और स्टाफ की निगरानी के लिए शासन ने आंगनबाडी केंद्रों में बायोमीट्रिक प्रणाली की घोषणा की थी. इसके तहत प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में अंगुलियों के प्रिंट और फेस स्केनर लगाए जाने थे. इसके द्वारा केंद्र में बच्चों के लिए पोषाहार लेने के लिए आने वाले लोगों की पहचान की जा सकेगी. वहीं, केंद्र में कार्यरत स्टाफ की हाजिरी लेने में भी बायोमीट्रिक का प्रयोग किया जाएगा. जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वाष्णेय ने बताया कि इन दिनों स्टाफ चुनावी ड्यूटी में व्यस्त हैं. इसके बाद बायोमीट्रिक लगाने के संबंध में बात की जाएगी.
भूखंडों के नाम पर चार लाख ठगे: दो बहनो ने मीरपुर हिन्दु गांव की स्टार सिटी कॉलोनी में प्रॉपर्टी डीलरों से 0-0 वर्ग गज के दो भूखंडों का सौदा कर 4. लाख रुपये बतौर पेशगी दे दी, लेकिन जब वह प्लाट देखने पहुंचे तो वहा कोई दूसरा व्यक्ति उनकी चारदीवारी करा रहा था.
इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में रहने वाली अपराजिता ने बताया कि उसने और बहन सिपरा सील ने मीरपुर हिन्दु गांव की स्टार सिटी कॉलोनी में 0-0 वर्ग गज के दो भूखंडों का नौनिहाल त्यागी तथा टीटू त्यागी, शौकीन और साजिद से सौदा कर 4. लाख रुपये बतौर पेशगी दे दी. कुछ दिन बाद वह परिजनों को भूखंड दिखाने पहुंचे तो उन पर कोई निर्माण कार्य करा रहा था.