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उत्तर प्रदेश
मिठाई की दुकान वाला बन गया था अरबपति सर्राफ, हवाला कारोबारी को मुहैया कराए थे पैसे
Admin4
6 Nov 2022 5:27 PM GMT
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मुजफ्फरनगर। गठरी उद्योग से लेकर हवाला, असलाह, सोने की तस्करी, नकली नोटों की तस्करी में काइम कैपिटल का नाम जुड़ चुका है। चार साल पूर्व हुई छापेमारी के दौरान एनआइए की जांच में राजफाश हुआ था कि अरब में बैठे अब्दुल समद को दोनों सर्राफ ने 3.50 लाख रुपये मुहैया कराए थे। उस समय राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस प्रकरण में सात लोगों को दबोचा था, जिसमें हरिद्वार जनपद के गांव बुक्कनपुर निवासी हवाला कारोबारी अब्दुल समद का नाम सामने आया था।
27 नवम्बर 2017 को एनआइए ने दिल्ली में शेख अब्दुल नईम, अमजद उर्फ रेहान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। दोनों से पूछताछ के बाद एनआइए की टीम ने आठ फरवरी 2018 को सर्राफ आदीश जैन व दिनेश् गर्ग उर्फ अंकित गर्ग के मकान व दुकान पर छापेमारी की थी। दोनों के घर से पिस्टल, विदेशी करेंसी व अन्य समान बरामद हुआ था। इसके बाद एनआइए ने बरामद सामान को सील कर अपने साथ ले गई थी। 25 मई 2018 को एनआइए ने दोनों सर्राफ समेत 10 लोगों के खिलाफ 120बी, 467, पासपोर्ट एक्ट 1967 समेत संगीन धाराओं में एनआइए की स्पेशल कोर्ट पटियाला हाउस में चार्जशीट दाखिल की थी। बीती 10 जून 2022 को एनआइए की स्पेशल कोर्ट ने दोनों सर्राफ आदीश व अंकित गर्ग को अवैध असलाह रखने के अलावा अन्य आरोपों से बरी कर दिया था तथा एनआइए को दोनों के खिलाफ आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेशों का अनुपालन करते हुए शनिवार देर शाम एनआइए के इंस्पेक्टर ने अंबरीश कुमार ने शहर कोतवाली में आदीश जैन व दिनेश गर्ग उर्फ अंकित गर्ग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
एनआइए की जांच में राजफाश हआ था कि लश्कर-ए-तैयबा का बड़ा फाइनेंसर शेख अब्दुल नईम सऊदी अरब का रहने वाला था। उसके हरिद्वार जनपद के गांव बुक्कनपुर निवासी हवाला कारोबारी अब्दुल समद से संपर्क थे। शेख अब्दुल नईम सऊदी में बैठकर ही अपने फाइनेंसरों के इशारों पर वेस्ट यूपी के जिलों में हवाला कारोबार करा देता था। एनआइए की जांच में पाया गया था कि सर्राफ आदीश जैन व अंकित गर्ग ने अब्दुल समद को कई लाख रुपये मुहैया कराए थे। पुख्ता सबुत मिलने के बाद ही एनआइए ने दोनों को दबोचा था।
बताया गया है कि आदीश जैन के पिता श्रीराम जैन की पंचमुखी में हलवाई की दुकान थी। उक्त दुकान पर आदीश ने बैठते हुए सर्राफा बाजार में अपनी पैठ बना ली थी। इसके बाद उसने शानदार शोरूम बनाया था, जिसकी आड़ में वह अरब देशों से सोने के बिस्कुत की तस्करी में लिप्त हो गया था। आदीश का पूरा काम आनलाइन चलता था। बताया गया है कि मोटे लालच के चक्कर में दोनों सर्राफ विदेश जाने वाले लोगों को वीजा व टिकट आदि में कैश देते थे। विदेश से आने वाला संबंधित व्यक्ति कैश के बदले उन्हें सोने के बिस्किट मुहैया कराता था। इतना ही नहीं वर्ष 2016 में सर्राफ आदीश जैन से 30 लाख रुपये की लूट भी हुई थी। हालाकि यह आज तक राजफाश नहीं हुआ कि लूटा गया रुपया कहां से आया था।
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