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लखनऊ: बिजली बकाये पर अस्थायी रूप से कटे कनेक्शन भी हर महीने बिल बनेगा. मीटर रीडर मोबाइल ऐप के माध्यम से ऐसे उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज बिल थमाएगा. साथ ही विभाग को पता चल जाएगा कि परिसर का कनेक्शन जुड़ा है या नहीं. ऊर्जा निगम ने सभी डिस्कॉम एमडी को आदेश जारी किए हैं.
बिजली विभाग रोजाना बकाये पर बिजली के खंभे से अस्थायी रूप से कनेक्शन काट देता है. हालांकि इस दौरान परिसर पर मीटर लगा रहता है, लेकिन मीटर रीडर ऐसे उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग नहीं कर पाता है. समस्या के समाधान के लिए पावर कॉरपोरेशन ने इस महीने बिलिंग सॉफ्टवेयर में बदलाव किया है. अब मीटर रीडर ऐसे उपभोक्ताओं की हर महीने फिक्स चार्ज का बिल बनाएगा. इसके अलावा अगर परिसर पर अस्थायी रूप से कनेक्शन कटा है, लेकिन सिस्टम पर फीड नहीं है. ऐसे उपभोक्ताओं का प्रोविजनल बिल बनेगा. वहीं परिसर पर कनेक्शन कटा है, लेकिन मीटर खराब है, तो आईडीएफ बिल बनेगा. अगर उपभोक्ता ने बकाया बिल जमा कर दिया है तो रीडिंग के हिसाब से बिल बनेगा. साथ ही बिल में मीटर रीडर का नाम, मोबाइल नंबर, मीटर का सीरियल नंबर भी दर्ज होगा. इसके अलावा मीटर रीडर द्वारा बिलिंग ऐप में फीड किया गया मीटर निर्माता का नाम भी दर्ज करना होगा. यूपीपीसीएल के अधीक्षण अभियंता (आईटी) ने नई व्यवस्था का आदेश जारी किया है. यह व्यवस्था से ही लागू कर दी गई है.
नगर निगम ने मांगा गोमती नगर विस्तार: गोमती नगर विस्तार की देखभाल का जिम्मा नगर निगम ने एलडीए से मांगा है. नगर निगम की ओर से एलडीए को चिह्वी लिखी गई है. इसमें कहा गया है कि गोमती नगर विस्तार सहित अन्य वे सभी क्षेत्र जिनका विकास एलडीए ने किया है उनको हस्तांतरित करे. लखनऊ जनकल्याण महासमिति अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि अपर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव, जोनल अधिकारी संजय यादव के साथ बैठक हुई. महासमिति के मुद्दों पर अधिकारियों ने महापौर और नगर आयुक्त से बात कराई. इसके बाद नगर निगम ने एलडीए को पत्र लिखा. महासमिति के अनुसार सभी आवंटी टैक्स देने से पीछे नहीं हट रहे हैं. सवाल है कि एलडीए ने आवंटियों से विकास शुल्क लिए, लेकिन विकास अधूरे हैं.