उत्तर प्रदेश

बिल माफ कर दिया, लेकिन मुकदमा जारी

Admin Delhi 1
10 Feb 2023 9:28 AM GMT
बिल माफ कर दिया, लेकिन मुकदमा जारी
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मेरठ: योगी सरकार जीरो टालरेंस की निति पर काम करने का दावा करती है लेकिन विद्युत विभाग में भ्रष्टाचार किस हद तक फैला हुआ है कि रिटायर्ड फौजी को बिना कनेक्शन जारी किए बिल भेज दिए गए। फौजी ने विभाग की करतूत के खिलाफ आवाज उठाई तो उसके बिल तो माफ कर दिए गए। लेकिन फौजी के खिलाफ दर्ज किया गया बिजली चोरी का मुकदमा आज भी चल रहा है। जबकि विभाग के लोगो द्वारा फौजी के परिवार के साथ की गई बदसूलकी के मामलें को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

मामला दौराला क्षेत्र के वलीदपुर गांव का है। यहां रहने वाले रिटायर्ड फौजी राजबहादुर रॉयल को विभाग ने बिना कनेक्शन लिए ही दो बिल जारी कर दिए थे। जब इसको लेकर फौजी ने आवाज उठाई तो विभाग ने अपनी गलती मानते हुए दोनों बिल वापस ले लिए। लेकिन विभाग द्वारा फौजी के खिलाफ बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज कराया गया था जो आजतक भी चल रहा है।

फौजी पर दबाव बनाने के लिए जेई ने दर्ज कराया था मुकदमा:

रिटायर्ड फौजी ने बिना कनेक्शन भेजे गए बिजली बिलों की शिकायत की तो फौजी का दावा है उसकी आवाज दबाने के लिए विभाग के जेई सुंदर सिंह ने बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज करा दिया था। जबकि दोनों फर्जी बिल जिनमें एक बिल 55 हजार तो दूसरा बिल 1 लाख 95 हजार को माफ कर दिया गया है। लेकिन फौजी के खिलाफ दर्ज कराया गया बिजली चोरी का मुकदमा वापस नहीं लिया गया है।

विभाग का दावा फौजी ने घर बनाने के दौरान की थी विद्युत चोरी

मामले को लेकर ऊर्जा विभाग के चीफ अनुराग अग्रवाल से बात की गई तो उनका कहना है जिन कनेक्शनों के बिल जारी किया गये थे वह वापस ले लिए गए है। लेकिन जिस समय फौजी अपने मकान का निर्माण करा रहे थे उस समय वह चोरी की बिजली इस्तेमाल कर रहे थे। मामले को लेकर लखनऊ से टीम आई जिसने जांच में बिजली चोरी को सही पाया। इस वजह से फौजी के खिलाफ विद्युत चोरी का मामला दर्ज कराया गया था जो अभी चल रहा है।

विभाग में फैले भ्रष्टाचार की गाज संविदाकर्मी पर गिरी, गई नौकरी

जली विभाग में किस तरह पहले भ्रष्टाचार होता है उसके बाद चोरी पकड़नें वालों पर ही गाज गिरती है। इसका उदाहरण बना संविदाकर्मी लाइनमैन जिसने चैकिंग के दौरान बिजली चोरी का मामला पकड़ा था। लेकिन पोल खुलने के डर से जेई ने संविदाकर्मी के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करा दिया। नौकरी से हटाए गए संविदाकर्मी लाइनमैन का आरोप है विभाग में इमानदारी से काम करने के बावजूद उसके साथ खेल किया गया है।

मामला मवाना टाऊन के विद्युत उपकेन्द्र से जुड़ा है। यहां पर संविदा पर नौकरी करने वाले पप्पी उर्फ पपेन्द्र ने बिजलीघर के जेई पर आरोप लगाया है जिसमे कहा गया है 19 मई 2022 को जेई बाबूलाल के आदेश पर बिजली चोरी को रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान मोहल्ला हीरालाल निकट पौदी लाइनमैन वाली गली में कुणाल पुत्र पप्पू अपने आवास पर विद्युत चोरी करता पाया गया था।

इसकी वीडियो भी बनाई गई थी जो जेई बाबूलाल को दी गई थी। जेई ने मामले का संज्ञान लेते हुए उपभोक्ता के खिलाफ बिजली थाने पर मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद उपभोक्ता कुणाल ने लाइनमैन पप्पी के खिलाफ विद्युत उपखण्ड मवाना पर शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद अधिकारियों द्वारा जांच की गई जिसमे दोष साबित नहीं हो सका। इसके बाद विभाग के अधिकारियों ने उससे कहा कि इस तरह के आरोप तो लगते रहते है। लेकिन पीड़ित का आरोप है उसे बिना कोई कारण बताए अधिकारियों ने कार्यमुक्त कर दिया।

साथ ही मवाना थाने पर पीड़ित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया जिसमें दो गवाह लाइनमैन विभोर पुत्र सुखपाल व पौदी पुत्र सिब्बन के द्वारा पीड़ित के खिलाफ गवाह बनाया गया। गवाह के आधार पर विभाग के अधिकारियों द्वारा लाइनमैन पप्पी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे दोषी ठहरा दिया गया। पीड़ित का दावा है उसके खिलाफ की गई कार्रवाई गलत है और वह निर्दोष है। अब उसके परिवार के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है जिसके लिए विभाग के अधिकारी जिम्मेदार हैं।

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