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बिजनौर: धर्मपाल सिंह को संगठन महामंत्री बनाने पर परिवार में खुशी का माहौल
ब्रेकिंग न्यूज़: नगीना (बिजनौर)। भाजपा हाईकमान ने नगीना के गांव हुर नगला निवासी व झारखंड प्रदेश भाजपा के महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह को उत्तर प्रदेश का प्रदेश महामंत्री संगठन बनाया है। इससे भाजपा, संघ और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। वहीं, उनके परिवार के लोग इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलने की खबर से अनजान थे। जब उनके परिवार को यह सूचना दी गई, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा एक दिसंबर 1967 को किसान स्वर्गीय राम स्वरूप सिंह व भाग्यवती के परिवार में जन्म लेने वाले धर्मपाल सिंह एक दिन उत्तर प्रदेश जैसे बड़े प्रदेश में भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन जैसे बड़े पद पर मनोनीत होंगे। यह उनके परिवार ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष प्रमोद चौहान बताते हैं कि धर्मपाल सिंह बाल्यकाल से ही संघ के स्वयंसेवक रहे हैं।
1986 में विद्यार्थी परिषद से जुड़ने के बाद जिला बिजनौर में विद्यार्थी परिषद के सह जिला संयोजक रहे। 1990 में विद्यार्थी परिषद के पूर्ण कालिक कार्यकर्ता के रूप में निकल गए तथा इनका केंद्र देहरादून बना। इसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड को मिलाकर पश्चिम क्षेत्र के संगठन मंत्री बने। इसके बाद विद्यार्थी परिषद के उत्तर प्रदेश के प्रदेश संगठन मंत्री बनाए गए। जिसमें इनका केंद्र लखनऊ रहा। धर्मपाल सिंह विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री भी बने। 2019 में भाजपा हाईकमान ने इन्हें झारखंड प्रदेश के प्रदेश महामंत्री संगठन का दायित्व सौंपा। भाजपा नेता प्रमोद चौहान बताते हैं कि संघ व भाजपा के प्रति उनकी अटूट निष्ठा का परिणाम है कि उन्हें पार्टी हाईकमान ने उत्तर प्रदेश जैसे बड़े प्रदेश का प्रदेश महामंत्री संगठन मनोनीत किया है। परिवार को नहीं थी जिम्मेदारी मिलने की सूचना
नगीना से करीब छह किलोमीटर दूर नहटौर रोड पर स्थित ग्राम हूर नगला निवासी धर्मपाल सिंह के घर पर बुधवार शाम मीडिया कर्मी पहुंचे। उनके बड़े भाई खजान सिंह से धर्मपाल सिंह को भाजपा उत्तर प्रदेश का महामंत्री संगठन बनाए जाने के बारे में सवाल पूछा तो उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। बेहद साधारण जीवन व्यतीत कर रहे खजान सिंह ने बताया कि धर्मपाल सिंह चार भाइयों में तीसरे नंबर के हैं। खजान सिंह खेती करके परिवार का पालन पोषण करते हैं, दूसरा भाई आनंदपाल एक प्राइवेट स्कूल में बिजनौर में शिक्षक है। जबकि चौथे भाई यशपाल सिंह ठेकेदारी का कार्य करते हैं। जब उनसे यह पूछा गया कि आपके भाई धर्मपाल सिंह घर कितने दिन पहले आए थे तो उन्होंने बताया कि वह घर पर सालों साल नहीं आते हैं। फोन पर भी बातचीत बहुत कम हो पाती है घर के एक छोटे कमरे में आकर रुकते हैं धर्मपा धर्मपाल सिंह का गांव में एक छोटा सा कमरा है, जिसमें वह घर आकर रुकते हैं। खजान सिंह बताते हैं कि धर्मपाल सिंह ने इतने बड़े पद पर होने के बावजूद आज तक अपने व परिवार के लिए कुछ नहीं किया। एक बार अपने पुत्र की नौकरी के लिए उन्होंने उनसे फोन कर मदद मांगी थी, तब भी धर्मपाल सिंह ने उनके पुत्र को बेटा मेहनत करके आगे बढ़ो कहकर कोई मदद नहीं की थी।
धर्मपाल सिंह की बुजुर्ग माता भाग्यवती ने बताया कि उनका पुत्र बहुत छोटी उम्र में ही घर छोड़कर संघ में चला गया था तब से कभी-कभी ही घर आता है नजीबाबाद से की थी इंटर तक की पढ़ा धर्मपाल सिंह के सबसे छोटे भाई यशपाल सिंह ने बताया कि उनके भाई ने कक्षा पांच तक की पढ़ाई ग्राम भूरापुर, जूनियर कक्षाओं की पढ़ाई ग्राम पुरैनी, इंटर तक की शिक्षा जीआईसी नजीबाबाद से करने के बाद पॉलिटेक्निक की पढ़ाई करने आजमगढ़ चले गए थे। 1986 में धर्मपाल सिंह संघ से जुड़े तथा तभी से पूरी तरह घर छोड़ दिया। अविवाहित रहे धर्मपाल सिंह को घर आए हुए एक साल से अधिक का समय हो गया तब भी माता जी को तबीयत खराब होने पर वह कुछ समय के लिए उन्हें देखने आए थे।