उत्तर प्रदेश

काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद केस में बड़ा अपडेट आया सामने

jantaserishta.com
28 April 2022 8:14 AM GMT
काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद केस में बड़ा अपडेट आया सामने
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वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी मंदिर समेत अन्य विग्रहों और स्थानों की वीडियोग्राफी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. श्रृंगार गौरी मंदिर सहित ज्ञानवापी मस्जिद की बैरिकेडिंग के अंदर विग्रहों की कमीशन सर्वे और वीडियोग्राफी की कार्रवाई का मुस्लिम समुदाय ने विरोध करने का ऐलान किया है.

दरअसल 26 अप्रैल को वाराणसी के सिविल जज सिनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने अपने पुराने आदेश को बरकरार रखते हुए तीन मई ईद के बाद और 10 मई के पहले काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर सहित अन्य स्थानों पर भी कमीशन की कार्रवाई और वीडियोग्राफी का आदेश दिया था. जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद की बैरिकेडिंग के अंदर का भी कुछ हिस्सा है. मुस्लिम पक्ष के पक्षकार प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी सैयद मो. यासिन ने आज तक से बातचीत में कहा कि किसी भी सूरत में वे कमीशन के सर्वे और वीडियोग्राफी की कार्रवाई का विरोध करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि ये सारा धार्मिक द्वेष और राजनीतिक कारणों से किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि ये सारा मसला श्रृंगार गौरी का है. जबकि वादियों ने ज्ञानवापी मस्जिद को भी शामिल करने की कोशिश की. इसी वजह से दो बार कमीशन की कार्रवाई नहीं हो सकी. आगे भी कोशिश जारी रहेगी. श्रृंगार गौरी में नियमित दर्शन होता रहा है. कोर्ट के आदेश के बावजूद वे कमीशन और वीडियोग्राफी की कार्रवाई के लिए मस्जिद के अंदर किसी को नहीं जाने देंगे. इसका विरोध होगा. कोर्ट के आदेश की अवहेलना के सवाल पर उन्होंने कहा कि अंजाम भुगतने के लिए तैयार हैं, लेकिन मस्जिद की बैरिकेडिंग के अंदर नहीं जाने दिया जाएगा.
इससे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी मंदिर मसले पर स्थानीय कोर्ट ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने श्रृंगार गौरी समेत अन्य विग्रहों और स्थानों की वीडियोग्राफी और कमीशन के संबंध में अपने पुराने आदेश को जारी रखा. बता दें कि इस मामले में जिला प्रशासन और वाराणसी पुलिस कमिश्नर की ओर से कोर्ट में सुरक्षा और शांति व्यवस्था का हवाला देकर कमीशन और वीडियोग्राफी की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
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