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उत्तर प्रदेश
काशी विश्वनाथ मंदिर में मनी आर्डर से आने वाली चढ़ावे राशि में बड़ा घोटाला
Renuka Sahu
28 Aug 2022 1:30 AM GMT
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फाइल फोटो
काशी विश्वनाथ मंदिर में मनी आर्डर से आने वाली चढ़ावा की राशि में बड़े पैमाने पर घालमेल की आशंका जताई जा रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। काशी विश्वनाथ मंदिर में मनी आर्डर से आने वाली चढ़ावा की राशि में बड़े पैमाने पर घालमेल की आशंका जताई जा रही है। दो वर्षों के मनी आर्डर की जांच में लगभग डेढ़ लाख रुपये का गबन सामने आने के बाद मंदिर प्रशासन अब पिछले 10 वर्षों के मनीआर्डर की जांच कराने जा रहा है। अधिकारियों को संदेह है कि जांच में लाखों रुपये की गड़बड़ी सामने आ सकती है।
मंदिर प्रशासन ने मार्च 2021 से जून 2022 तक आए मनी आर्डरों की जुलाई में जांच कराई थी। इस अवधि में 4 लाख 16 हजार 301 रुपये की धनराशि मंदिर के मुख्य कार्यपालक और काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के नाम से आई। लेकिन मंदिर कोष में 2 लाख 66 हजार 795 रुपये ही जमा कराए गए। 1 लाख 49 हजार 506 रुपये का मंदिर के कम्प्यूटर सहायक शिवभूषण द्विवेदी ने गबन कर लिया। यह जानकारी मिलते ही हड़कम्प मच गया। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मंदिर प्रशासन ने कम्यूटर सहायक के खिलाफ गत तीन अगस्त को चौक थाने में धोखाधड़ी और हेराफेरी का केस दर्ज कराया। इसके बाद विगत वर्षों के मनीआर्डर की पत्रावलियां खंगाली जाने लगी हैं। मंदिर प्रशासन 10 वर्षों के मनीआर्डर की जांच कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए लेखा विभाग के अधिकारियों को लगाया जाएगा।
मंदिर के दो अन्य लिपिक भी घेरे में
मनीआर्डर में घालमेल में मंदिर कार्यालय के दो अन्य कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। मंदिर प्रशासन का मानना है कि यह कार्य एक व्यक्ति के जरिए नहीं हो सकता है। इसमें दूसरे लोग भी शामिल हो सकते हैं। जांच के बाद मामला स्पष्ट हो जाएगा।
आरोपित निलम्बित, हुआ फरार
मंदिर के चढ़ावा में गबन करने वाले कम्प्यूटर सहायक शशिभूषण द्विवेदी को मंदिर प्रशासन ने निलम्बित कर दिया है लेकिन अभी वह पुलिस की पकड़ से बाहर है।
विश्वनाथ मंदिर सीईओ डॉ. सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि मंदिर के चढ़ावा में घालमेल की आगे भी जांच हो रही है। कर्मचारी की गिरफ्तारी का कार्य पुलिस का है।
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