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पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच बंद हो सकती है। पति आलोक मौर्य भ्रष्टाचार के संबंध में लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई पुख्ता सबूत नहीं दे पाए। इसके साथ ही अपनी शिकायत वापस लेने के मामले में कमेटी ने यह निर्णय लिया है।
इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी। उधर, ज्योति मौर्य द्वारा भी धूमनगंज थाने में पति आलोक मौर्य और ससुराल पक्ष के लोगों दर्ज उत्पीड़न के केस वापस लेने की चर्चा है। सूत्रों की माने तो ज्योति मौर्य और आलोक के बीच समझौता हो सकता है।
आलोक मौर्य के द्वारा ज्योति मौर्य के खिलाफ शासन से की गई भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच के लिए शासन ने कमिश्नर प्रयागराज विजय विश्वास पंत को जांच करने का आदेश जारी किया था। कमिश्नर ने अपर आयुक्त प्रशासन अमृतलाल बिन्द के नेतृत्व में तीन सदस्य जांच कमेटी गठित की थी।
कमेटी ने आलोक मौर्य से भ्रष्टाचार के संबंध में की गई शिकायत के समर्थन में सबूत प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इसके लिए आलोक ने कमेटी से 20 दिन की मोहलत मांगी थी। 20 दिन की मोहलत पूरी होने के बाद कमेटी के समक्ष उपस्थित होकर आलोक मौर्य ने अपने आरोपों को वापस ले लिया था।
जिसके बाद जांच कमेटी ने मामले की जांच को बंद करने की संस्कृति कमिश्नर से की है। इस मामले में कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने बताया कि जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की है उसे शासन को भेजा जा रहा है।
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