उत्तर प्रदेश

फर्जी भर्ती में आयकर के बड़े अफसर भी शामिल, मिले बड़े सुबूत

Teja
30 Dec 2022 11:03 AM GMT
फर्जी भर्ती में आयकर के बड़े अफसर भी शामिल, मिले बड़े सुबूत
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आयकर निरीक्षक की फर्जी भर्ती में विभाग के बड़े अधिकारियों का भी हाथ होने के पुख्ता सुबूत पुलिस को मिले हैं। फर्जीवाड़े का यह सारा खेल मुख्यालय के कमरा नंबर 329 से हुआ। इसी कमरे में बैठकर मुख्य आरोपी प्रियंका ने बेरोजगारों से ठगी की। उनसे रुपये वसूले और जाली नियुक्ति पत्र दिया। मामले की विवेचना में पुलिस कई अधिकारियों की कुंडली जुटा चुकी है। वहीं, गिरोह के कुछ सदस्य जो गैर प्रांत से ताल्लुक रखते हैं, उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। गिरोह में विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारी, वकील व मीडियाकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस इनका ब्योरा जुटा रही है।

आयकर निरीक्षक की फर्जी भर्ती का राज विभाग के मुख्यालय स्थित कमरा नंबर 329 में बंद है। फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद से ज्यादातर समय यह कमरा बंद रहा है। सूत्रों के मुताबिक यह कमरा दो बड़े अधिकारियों के नाम से आवंटित है। इन अधिकारियों के करीबी कर्मचारी इसमें बैठते हैं। यहां किसी बाहरी का प्रवेश वर्जित है। इसके बावजूद प्रियंका मिश्रा इस कमरे में बैठकर इतना बड़ा गिरोह संचालित कर रही थी। हालांकि, विभागीय अधिकारियों ने शुरुआती पड़ताल के दौरान इस मामले में मुख्यालय के कैफेटेरिया का नाम लेकर जांच दूसरी तरफ मोड़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस की पूछताछ में प्रियंका ने सारे राज उगल दिए। इसके बाद पुलिस ने इस कमरे की पूरी डिटेल खंगालनी शुरू की। पुलिस के मुताबिक इस कमरे से जुड़े कुछ कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

रुपये का लेनदेन भी ऑनलाइन हुआ

पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि बेरोजगारों से नौकरी दिलाने के नाम पर 50 हजार से 15 लाख रुपये तक की वसूली की गई। इसमें से ज्यादातर रकम ऑनलाइन किस्तों में वसूली गई। इसका रिकॉर्ड भी पुलिस के हाथ लग गया है। इसकी पूरी जानकारी भी संबंधित ऑनलाइन भुगतान कंपनी से हासिल कर ली गई है, जिसके आधार पर कुछ अधिकारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं। इन अधिकारियों के खाते में भी इसी ऑनलाइन नंबर से भुगतान किया गया है। वहीं, कुछ अधिकारियों के करीबियों ने रुपये का लेनदेन किया है। इन सभी को नोटिस भेजकर पूछताछ की जाएगी।

चार की तलाश में गैर प्रांत में दबिश

फर्जीवाड़े की जांच कर रही हजरतगंज पुलिस ने गैर प्रांत के ऐसे चार लोगों को चिह्नित किया है, जो गिरोह के सक्रिय सदस्य थे। इनके जरिये कई बेरोजगार प्रियंका के संपर्क में आए थे। इनकी कुंडली खंगाली गई, जिसमें कई सुराग हाथ लगे हैं। इस आधार पर पुलिस टीम दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा में इनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।

पिकप भवन में तैनात अधिकारी की अहम भूमिका

आयकर विभाग के पिकप भवन स्थित कार्यालय में तैनात अधिकारी 'श्रीवास्तव' की भूमिका भी सामने आ गई है। उनकी और मुख्य आरोपी प्रियंका के बीच हुई बातचीत का रिकॉर्ड पुलिस के हाथ लगा है। दो महीने की कॉल डिटेल में 'श्रीवास्तव' व प्रियंका के बीच 50 बार बातचीत हुई। यह बातचीत दो से 12 मिनट तक की है। इन दोनों के बीच बैंक खातों में लेनदेन की भी पुष्टि हुई है। पड़ताल में सामने आया कि पिकप भवन में तैनात अधिकारी ने ही प्रियंका को मुख्यालय में प्रवेश दिलाया था। इस अधिकारी का मुख्यालय में काफी दखल है। इसी ने मुख्यालय के अधिकारियों से प्रियंका का परिचय कराया और बैठने से लेकर सारी सुविधाएं उपलब्ध कराईं। सूत्रों के मुताबिक इस अधिकारी के खिलाफ सीबीआई जांच भी चल रही है।

100 से ज्यादा लोगों से की ठगी

पुलिस की जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी प्रियंका मिश्रा ने आयकर निरीक्षक बनाने के नाम पर सिर्फ सात बेरोजगारों से ही ठगी नहीं की है, वह 100-125 लोगों को शिकार बना चुकी है। यह बात उसने कुबूल भी की है। उसके गिरोह का नेटवर्क लखनऊ से लेकर दिल्ली तक फैला है।

यह था मामला

आयकर विभाग में निरीक्षक पद पर फर्जी भर्ती का खुलासा 22 नवंबर को हुआ था। मुख्यालय प्रत्यक्ष कर भवन में खुलेआम फर्जीवाड़ा चल रहा था। कई बेरोजगारों को नियुक्ति पत्र देने के लिए प्रत्यक्ष कर भवन बुलाया गया था। इसका खुलासा होते ही मुख्य आरोपी व पूर्व संविदाकर्मी प्रियंका मिश्रा सहित उसके दो सहयोगियों सूरज व लक्ष्मीनारायण चतुर्वेदी को गिरफ्तार किया गया था।

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