उत्तर प्रदेश

नोएडा प्राधिकरण की बड़ी लापरवाही, 1 करोड़ की जमीन पर अब देना होगा 361 करोड़ का मुआवजा

Shantanu Roy
28 Sep 2022 10:03 AM GMT
नोएडा प्राधिकरण की बड़ी लापरवाही, 1 करोड़ की जमीन पर अब देना होगा 361 करोड़ का मुआवजा
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नोएडा। नोएडा प्राधिकरण की लापरवाही की वजह से 1करोड़ रुपये की जमीन का मुआवजा अब 361 करोड़ रुपये देना पड़ेगा। आवंटी ने 24 अप्रैल, 1997 में जमीन खरीदी। इस जमीन पर आज एक आलीशान माल का निर्माण करा दिया गया। अदालत में कड़ी टक्कर देने के बाद आवंटी रेड्डी विरेन्ना ने केस जीता। अब प्राधिकरण उसे मुआवजा तो देगा ही साथ ही उसे उच्चतम न्यायालय के आदेश 5 मई 2022 के बाद से प्रतिदिन करीब 5 लाख रुपये ब्याज भी देना होगा। इस मुआवजा को जारी करने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसलिए नोएडा प्राधिकरण ने बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को पास कर दिया है।
1997 में किया गया था केस
मिली जानकारी के मुताबिक, 24 अप्रैल, 1997 को छलेरा बांगर (सेक्टर-18) खसरा नंबर 422 व 427 कुल 14358 वर्गमीटर जमीन 1 करोड़ रुपये में टी सुधाकर रेड्डी विरेन्ना ने खरीदी। इसमें नोएडा प्राधिकरण ने 6958 वर्गमीटर जमीन 1979-80 में अर्जित की गई। इसके लिए रेड्डी ने सिविल कोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर 16 फरवरी, 2000 को अर्जित भूमि को छोड़कर शेष 7400 वर्गमीटर जमीन पर रेड्डी विरेन्ना का नाम दर्ज किया गया। वहीं, सिविल कोर्ट के आदेश के बाद भी प्राधिकरण ने वाणिज्यिक भूखंड योजना निकाली।
भूखंड संख्या एम-3 54320 वर्गमीटर ( 7400 वर्गमीटर शामिल है) जमीन डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को 173 करोड़ में आवंटित की। बता दें कि इस जमीन पर डीएलएफ ने निर्माण शुरू किया। काम नहीं रोके जाने पर रेड्डी ने दोबारा से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में नोएडा प्राधिकरण और डीएलएफ को पार्टी बनाते हुए रिट फाइल की। कोर्ट ने देखा कि रेड्डी को जमीन नहीं दी जा सकती है। इसलिए उसे मुआवजा दिया जाए। इस आदेश के खिलाफ प्राधिकरण ने उच्च्तम न्यायलय में स्पेशनल लीव पिटीशन (एसएलपी) दायर की जिसे 10 जनवरी, 2011 को स्थगित कर दिया गया।
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