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जियो टैग में हुआ बड़ा खेल, एक प्लाट पर दो लाभार्थी के नाम दर्ज
मेरठ न्यूज़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि प्रत्येक गरीब को मकान बनाकर दे। पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर लंबे समय से काम चल रहा हैं। गरीबों को इसका लाभ भी मिला है, लेकिन गरीबों को ठगने का काम भी चला हैं। केंद्र और यूपी सरकार गरीबों को आवास देने के प्रोजेक्ट पर बड़ी धनराशि भी खर्च कर रही है, लेकिन गरीबों तक इस योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें लाभार्थी एक और उसे इंजीनियर ने डबल लाभ दे दिया। ये कैसे संभव हुआ। फर्जी जियो टैग कर दी गई। सुबह इंजीनियर ने जो जियो टैग की लाभार्थी का उस समय खाली प्लॉट मौके पर दर्शाया गया। आॅन लाइन इसका रिकॉर्ड मौजूद हैं, लेकिन मात्र पांच सेकंड के अंतर पर ही उसी प्लॉट पर पिलर का निर्माण जियो टैग कर दर्शा दिया गया। ये खेल इंजीनियर ने कर दिया। इस तरह से व्यापक स्तर पर पीएम आवास योजना में घालमेल किया जा रहा है। इस घालमेल के जिम्मेदारों पर आखिर फर्जी जियो टैग करने के मामले पर नहीं तो एफआईआर हो रही है और नहीं कंपनी से बर्खास्त किया जा रहा हैं। इससे स्पष्ट है कि कंपनी और इंजीनियर मिलकर बड़ा खेल कर रहे हैं, जिसमें सरकार की बड़ी धनराशि की बंदरबाट की जा रही हैं।
प्लाट एक और लाभार्थी भी एक हैं, फिर दो बार भुगतान कैसे कर दिया गया? ये बड़ा सवाल हैं। डूडा के अफसर भी आंख मूंदे बैठे हैं। यह बेहद महत्वपूर्ण बिंदु है, लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। 'जनवाणी' के पास कुछ ऐसे सबूत हैं, जिसमें लाभार्थी अनिल कुमार को जिओ टैग जिस प्लॉट पर की गई है, उसमें दर्शाया खाली प्लॉट है, जिस पर अभी कोई काम नहीं हुआ। ये जियो टैग 13 मई 2020 की है, तब यह प्लॉट खाली था। उसी दिन इस प्लॉट पर पिलर कैसे खड़े हो सकते हैं। यह पिलरों का निर्माण भी इंजीनियर ने दर्शा दिया। दरअसल, सुबह के 9.47 बजे प्लॉट खाली था तथा 9. 49 बजे उस पर फाउंडेशन डल गया। ऐसा जियो टैग करने वाले इंजीनियर अतुल शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में दर्शाया हैं। जियो टैग करने वाले इंजीनियर का नाम अतुल शर्मा है, जो पूर्व में वाप्कोस कंपनी ने बर्खास्त कर दिया था, लेकिन इन पर कंपनी और डूडा के अधिकारी इतने खास मेहरबान है कि तमाम गलत काम करने के बाद भी प्रोजेक्ट आॅफिसर बनाकर इंजीनियरों के ऊपर बैठा दिया गया है। ये ऐसी जियो टैग है, जिसमें अतुल शर्मा ने घालमेल किया है। जब लाभार्थी एक है तो फिर दो बार उसे दो-दो लाख का भुगतान कैसे कर दिया? क्या प्रशासन इस व्यक्ति से सरकारी धनराशि का दुरुपयोग करने के मामले में रिकवरी करेगा।
ये तमाम फर्जीवाड़े शासन स्तर पर भी पहुंच गए हैं। इससे पहले भी पीएम आवास योजना में घालमेल के कई मामलों को 'जनवाणी' उजागर कर चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम ब्रिजेश पाठक के दरबार में भी पीएम आवास योजना का फर्जीवाड़ा पहुंचा है, जिसमें अतुल शर्मा समेत कई इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। इससे पहले भाजपा के कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने वाप्कोस कंपनी की शिकायत शासन से की थी, जिसमें इसकी तमाम जियोटैग की जांच कराने की भी मांग की थी। अतुल शर्मा की फर्जी जियो टैग की भी भाजपा विधायक ने शिकायत की हैं, जिसकी जांच के बाद एफआईआर भी दर्ज हो सकती हैं। ऐसा भाजपा विधायक ने कहा हैं।