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न्यूज़ क्रडिट: amarujala
मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन से 23 अगस्त की रात को चोरी हुए बच्चे को जीआरपी ने पार्षद के घर से बरामद कर लिया है। इस मामले में डॉक्टर दंपती समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन जब मासूमियत और ममता का गला घोंटकर गोद उजाड़ने वाले बच्चों के सौदागरों के चेहरे से पर्दा हटा तो मानवता शर्मसार हो गई। गिरोह की यह कोई पहली वारदात नहीं थी। वह अभी तक करीब 15 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
बच्चों की देखभाल और गर्भवती महिलाओं को खानपान बताने वाली एएनएम इस गिरोह की पहली सीढ़ी थीं। एएनएम पूनम और मिथलेश के माध्यम से बच्चा खरीदने की डिमांड पर जब बच्चा नहीं मिल पाता, तो चिकित्सक दंपती उसके लिए दीप कुमार जैसे गिरोह के सदस्यों का सहयोग लेते थे। दोनों एएनएम ऐसी गर्भवती महिलाओं पर नजर रखती थीं जोकि अनचाहे बच्चे को जन्म दे रहीं हों। वह उनके बच्चों को सस्ती कीमत पर खरीद कर मुंह मांगी कीमत वसूल करती थीं। उनके द्वारा लावारिस बच्चों को तुरंत अपनी गिरफ्त में ले लिया जाता था। बच्चा आने के बाद अन्य सौदेबाजी चिकित्सक दंपती ही करते थे।
पार्षद ने खरीदा था दूसरी बार बच्चा
भाजपा पार्षद विनीता अग्रवाल की बेटा होने की इच्छा पूरी नहीं हो सकी। एक बार उनके द्वारा इसी बच्चा बेचने वाले गिरोह से बच्चा खरीदा गया तो वह बीमार निकला। जिसे वापस कर दिया और बाद में वह मर भी गया। दूसरी बार में खरीदा गया बालक उन्हें जेल ही ले गया। विनीता के एक पुत्री है जिसकी शादी तक हो गई परंतु उनकी पुत्र की इच्छा इतनी प्रबल थी कि शिक्षित होने के बाद भी कानून का उल्लंघन कर बैठीं।
बच्चे की खुशी में हुई थी पार्टी
बच्चा मिलने की खुशी में पार्षद ने घर पर पार्टी की थी। लोगों को दावत भी दी गई थी। जीआरपी जब बच्चा चोर गिरोह तक पहुंची तो विनीता के यहां पर होने वाले कार्यक्रम से आसपास के लोगों ने इसकी पुष्टि कर दी।
यह था मामला, सातवीं बार में किया बच्चा चोरी
दरअसल, फरह के परखम निवासी राधा पत्नी करन सिंह मां सविता व अन्य परिजन के साथ 23 अगस्त की शाम को मथुरा आई। उनके साथ सात माह का बेटा संजय भी था। रात होने के कारण परिवार के सभी सदस्य प्लेटफार्म संख्या 8-9 पर ही आराम करने के लिए रुक गए। दीप ने छह बार बच्चा चोरी का प्रयास किया लेकिन परिजन जाग जाते। आखिर सातवीं बार में वह बच्चा चोरी करने में कामयाब रहा।
जीआरपी सीसीटीवी फुटेज के सहारे आगे बढ़ी तो पता लगा कि बच्चा चुराने वाला शख्स बदायूं वाली बस में बैठा था। पुलिस ने जब संबंधित बस चालक से पूछताछ की तो पता लगा कि बच्चा ले जाने वाला शख्स हाथरस जाने वाले रास्ते पर ही उतर गया। पुलिस ने जब हाथरस में दीप की वीडियो फुटेज दिखाकर जांच शुरू की तो कुछ लोगों ने उसे देखे जाने की जानकारी दी। जिसके बाद कुछ प्रयास के बाद पुलिस दीप तक पहुंच गई और कड़ी दर कड़ी खुलती चलीं गईं।
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