उत्तर प्रदेश

सपा को विधान परिषद में बड़ा झटका, नेता प्रतिपक्ष की मान्यता हुई खत्म, सदन में 9 सदस्य बचे

Renuka Sahu
8 July 2022 5:05 AM GMT
Big blow to SP in Legislative Council, recognition of Leader of Opposition ended, 9 members left in the House
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फाइल फोटो 

विधानपरिषद में गुरुवार को 10 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया। वहीं सपा की संख्या 10 से नीचे जाने पर लाल बिहारी यादव की नेता विरोधी दल की मान्यता खत्म कर दी गई।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विधानपरिषद में गुरुवार को 10 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया। वहीं सपा की संख्या 10 से नीचे जाने पर लाल बिहारी यादव की नेता विरोधी दल की मान्यता खत्म कर दी गई। अब वह सपा दल के नेता के रूप में रखा गया है। इस संबंध में विधानपरिषद के प्रमुख सचिव डा राजेश सिंह ने अधिसूचना जारी कर दी है।

गुरुवार को परिषद के विशेष सचिव जय चन्द्र मौर्या ने आदेश जारी किया है कि भाजपा के केशव प्रसाद मौर्या व भूपेन्द्र सिंह दोबारा विधान परिषद में निर्वाचित हो गए हैं। इनका भी कार्यकाल सात जुलाई को खत्म हो रहा था। इसके अलावा कांग्रेस के दीपक सिंह समेत सपा के शतरुद्र प्रकाश, जगजीवन प्रसाद, बलराम यादव, डा कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह, राम सुंदर दास निषाद, बसपा के अतर सिंह रावत, दिनेश चन्द्रा व सुरेश कुमार कश्यप का कार्यकाल खत्म हुआ।
लाल बिहारी यादव को 27 मई को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। उन्हें संजय लाठर का कार्यकाल खत्म होने पर यह पद दिया गया था। उस समय सपा की सदस्य संख्या 11 थी। सीटों का दस फीसदी यानी न्यूनतम दस सदस्य होने पर ही नेता विरोधी दल का पद दिया जाता है लेकिन सपा अब नौ पर सिमट गई है। परिषद के नए नियुक्त 13 सदस्यों का कार्यकाल शुरू हो गया। ये सदस्य पिछले महीने चुने गए थे। अब परिषद में बसपा का भी एक ही सदस्य बचा है। वहीं भाजपा के 73 सदस्य हो गए हैं।
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