उत्तर प्रदेश

पंचायत सदस्य की किडनैपिंग के मामले में BJP नेता रामवीर उपाध्याय को बड़ा झटका, 17 जून तक कोर्ट में पेश होने के आदेश

Renuka Sahu
30 May 2022 2:04 AM GMT
Big blow to BJP leader Ramveer Upadhyay in the case of kidnapping of Panchayat member, orders to appear in court by June 17
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फाइल फोटो 

पूर्व ऊर्जा मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता रामवीर उपाध्याय की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पूर्व ऊर्जा मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता रामवीर उपाध्याय (BJP Leader Ramveer Upadhaya) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. हाथरस के एमपी एमएलए कोर्ट (Hathras MP-MLA Court) के न्यायाधीश ने पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय और उनके निजी सचिव रानू पंडित को 17 जून तक कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. इसी मामले में थाना हाथरस गेट के एकएसआई अरुण कुमार का वेतन रोकने के भी आदेश दिए हैं. मामला 2019 का है, जहां एक पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य ने मंत्री पर जातिसूचक गालियां देते हुए अपहरण का प्रयास करने का केस दर्ज करवाया था.

आपको बता दें कि हाथरस के थाना चंदपा में वर्ष 2019 में एक पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य वीरेंद्र कुमार निवासी गांव गंभीर पट्टी विसाना हाथरस ने पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय और उनके निजी सचिव रानू पंडित व 6-7 अन्य लोगों पर जातिसूचक गालियां देते हुए अपहरण का प्रयास करने का मुकदमा कोर्ट के आदेश पर दर्ज कराया था. जिसका मामला हाथरस न्यायालय कोर्ट में चल रहा है. वीरेंद्र कुमार ने आरोप लगाया कि 1 सितंबर 2019 को रामवीर उपाध्याय और उनके निजी सचिव रानू पंडित और 6-7 अन्य लोगों ने उसे जातिसूचक गालियां दी, और जान से मारने की नियत से उसका अपहरण करने का प्रयास किया. लेकिन भीड़ होने के कारण ये लोग अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके थे. वीरेंद्र ने आरोप लगाया कि तब उसने अधिकारियों के चक्कर लगाए लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
एससी एसटी एक्ट के तहत जारी किए गए थे जमानती वारंट
वीरेंद्र क्षेत्र पंचायत सदस्य रहा है. उसने हाथरस के न्यायालय कोर्ट संख्या चार में एक प्रार्थना पत्र दिया था. प्रार्थना पत्र लेने के बाद न्यायालय ने रामवीर उपाध्याय और उनके निजी सचिव रानू पंडित पर धारा 365 व 31(1)(ध) एससी एसटी एक्ट के तहत जमानती वारंट जारी किए थे. इस आदेश के विरुद्ध रामवीर उपाध्याय और रानू पंडित ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में एक प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर 5 जनवरी को हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए इस कार्यवाही को स्थगित कर दिया था. तदुपरांत हाईकोर्ट के इस स्थगनादेश को समाप्त कर दिया था. वहीं स्थानीय न्यायालय ने रामवीर उपाध्याय और रानू पंडित के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किए थे और विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट संख्या 4 ने रामवीर और रानू के खिलाफ गैर जमानती वारंट के साथ-साथ धारा 82 के तहत कार्यवाही करने के आदेश पुलिस को दिए थे.
लगातार पांच बार के विधायक रामवीर उपाध्याय को इस बार मिली हार
वहीं अब कोर्ट ने इस मामले में आदेश दिए हैं कि 17 जून तक रामवीर उपाध्याय और उनके निजी सचिव रानू पंडित के खिलाफ़ विधिक कार्यवाही करते हुए न्यायालय के समक्ष पेश किया जाए. किसी के साथ न्यायालय ने इस मामले में अपनी ड्यूटी में लापरवाही करने के आरोप में थाना हाथरस गेट के एस आई अरुण कुमार का वेतन रोकने का आदेश भी दिया है. आपको बता दें कि अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में रामवीर उपाध्याय ने हार का सामना किया है. रामवीर उपाध्याय का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं चल रहा है. रामवीर उपाध्याय हाथरस में लगातार पांच बार से विधायक रहे हैं.
हाथरस की तीनों विधानसभाओं से चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार भाजपा से चुनाव लड़े थे लेकिन सपा रालोद गठबंधन प्रत्याशी प्रदीप उर्फ गुड्डू चौधरी ने इन्हें हरा दिया था. स्वास्थ्य खराब होने के कारण भी रामवीर उपाध्याय अब राजनीति में सक्रिय नहीं है. हालांकि रामवीर की पत्नी सीमा उपाध्याय भाजपा से हाथरस जिला पंचायत अध्यक्ष है और इनका परिवार के अन्य सदस्य राजनीति में सक्रिय हैं.
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