उत्तर प्रदेश

भाकियू का धरना रहा जारी, रागनी और कव्वाली के साथ गुजरी किसानों की पहली रात

Shantanu Roy
30 Jan 2023 11:14 AM GMT
भाकियू का धरना रहा जारी, रागनी और कव्वाली के साथ गुजरी किसानों की पहली रात
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मुजफ्फरनगर। जीआईसी मैदान में भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन धरने के तहत किसानों की पहली रात खुले आसमान के नीचे गुजरी। हाड़ कंपाने वाली ठंड और शीतलहर मैं किसानों के बीच पहुंचे चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि यह धरना अनिश्चितकाल तक चलेगा। उन्होंने कहा कि किसान ठंड और दूसरी परेशानियों से हटने वाला नहीं है, वह अपनी मांग मनवा कर रहेगा। गन्ना मूल्य बढ़ोतरी, बकाया भुगतान, बिजली बिल और आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाने सहित एमएसपी की मांग को लेकर जीआईसी मैदान में भाकियू की ओर से 28 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा की गई थी। शनिवार सुबह से ही राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ आना शुरू हो गए थे। दोपहर के बाद जीआईसी मैदान में धरना शुरू हुआ। इस दौरान एडीएम प्रशासन और एसपी सिटी ने किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत से वार्ता की।
दिन ढलने तक हजारों किसान जीआईसी मैदान में पहुंच चुके थे। रात हुई तो किसानों ने मैदान में ही अपनी झोपड़ी लगा ली। आंदोलन में डटे किसानों ने रागिनी और कव्वालियों के गायन के साथ रात गुजारी। रविवार रात जीआईसी मैदान का नजारा अजब-गजब था। कहीं रणसिंघा बज रहा था, तो कहीं से कव्वाली की आवाज आ रही थी। धरना स्थल पर मौजूद रहे किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि यह धरना खत्म होने वाला नहीं है। किसान आवारा पशुओं से परेशान है। गन्ना मूल्य नहीं बढ़ रहा है। भुगतान न होने के कारण उसके सभी काम रुके हुए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आंदोलन में शहीद हुए जब हरियाणा और पंजाब के किसानों के परिजनों को मुआवजा मिल सकता है तो यूपी के क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि यूपी के 12 किसान आंदोलन में शहीद हुए थे, लेकिन उनके परिजनों को मुआवजा नहीं दिया गया 32 साल से अधिकारियों की कोई बात नहीं मानी जाती। इस बार जब तक सरकार वार्ता नहीं करेगी और उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करेगी धरना जारी रहेगा।
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