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भाकियू का कलक्ट्रेट पर हल्ला बोल, पुलिस की बैरीकेडिंग तोड़ कलक्ट्रेट में घुसे किसान
मेरठ: भारतीय किसान यूनियन के राष्टÑीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के आह्वान पर बड़ी तादाद में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर मंगलवार को दोपहर कलक्ट्रेट में घुस गए। किसानों ने पुलिस की बैरीकेडिंग तोड़ दी तथा कलक्ट्रेट में एंट्री कर ली। इस दौरान किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला।
इस दौरान 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 14 सूत्रीय एक मांग पत्र तैयार किया। प्रदर्शनकारी किसानों ने हुक्का गुड़गुड़ाते हुये विभिन्न मुद्दों पर सरकार के साथ स्थानीय पुलिस प्रशासन को भी घेरा। सर्वाधिक किसान आक्रोशित ऊर्जा निगम द्वारा ट्यूबवेलों पर लगाये जा रहे बिजली के मीटरों को लेकर व्यक्त किया। जिसमें एडीएम (ई) व सीओ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारी भाकियू पदाधिकारियों से बातचीत की। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम (ई)अमित कुमार व सीओ को सौंपा।
मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन, संगठन के शीर्ष नेतृत्व के आह्वान पर जिलेभर से सैकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर कलक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान मुख्य गेट पर पुलिस की बैरीकेडिंग तोड़ते हुये किसान दर्जनभर से अधिक संख्य में ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर कलक्ट्रेट परिसर में अंदर जा घुसे, जिसमें भारतीय किसान यूनियन के युवा जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी, सतबीर सिंह जंगेठी, देशपाल सिंह हुड्डा, तहसील अध्यक्ष, सुक्रमपाल सिंह, राजपाल सिंह, गजेंद्र सिंह, अजय चेयरमैन, नरेश मवाना, सनी प्रधान, नरेश चौधरी, हरेंद्र कुमार ब्लॉक अध्यक्ष खरखौदा समेत सैकड़ों की संख्या में किसान शामिल रहे।
जिसमें उन्होंने आवारा गोवंश, नलकूपों पर पुलिस बल के द्वारा जबरन मीटर लगाने, वहीं पूर्व में कई जगहों पर संगठन के सदस्यों पर विभिन्न मामलों में दर्ज मुकदमे, जोकि गलत तरीके से दर्ज करने का आरोप लगा उन्हे निरस्त कराने की मांग की। इस दौरान किसानों ने धरना स्थल पर हुक्का भी गुड़गुड़ाया और धरना स्थल पर पहुंचे एडीएमई व सीओ को बताया कि बडेÞ अधिकारी संगठन के पदाधिकारियों को समस्या का समाधान कराने का आश्वासन तो देते हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर कोई सुनवाई नहीं होती, वहां पर केवल पार्टी के विधायक या मंत्रियों की ही सुनवाई होती हैं।
यदि ऐसा ही रहा तो कमिश्नरी पर जल्द ही एक महापंचायत आयोजित की जायेगी। इस दौरान 11 सदस्यीय कमेटी ने एक 14 सूत्रीय मांग पत्र तैयार किया। मुख्यमंत्री के नाम संबोधित 14 सूत्रीय मांगपत्र में मुख्य रूप से पिछले वर्ष का बकाया गन्ना भुगतान, गन्ने का रेट कम से कम 500 रुपये प्रति कुंतल घोषित कराने, आवारा गोवंश की समस्या से निजात दिलवाने, नलकूपों पर लगाये जाने वाले मीटर पर तत्काल रोक लगवाए जाने। फसलों का लाभकारी मूल्य दिलवाए जाने,एमएसपी गारंटी कानून बनवाने,आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस कराने,किसान परिवारों को स्वास्थ योजना का लाभ दिलवाने, विकसित देशों की तरह से ही खाद बीच एवं कीटनाशक दवाइयों की सब्सिडी जोकि उद्योगों को दी जा रही है, वह सीधे किसान को दी जाये।
सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिये किसानों को सब्सिडी दी जाये, ताकि बिजली पर ग्रामीण क्षेत्रों में निर्भरता कम हो। मंडी व्यवस्था को ओर सुद्दढ़ करते हुये नकदी फसलों को खरीदने के लिये सरकार ठोस नीति बनाये और स्थानीय लोगों को खाने के लिये सस्ता आनाज उपलब्ध कराये। लम्पी वायरस से प्रदेश में मृत पशुओं का सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा दिलवाया जाये। भूमि अधिक्रहण कानून को किसानों के अनुकूल बनाया जाये। जिसमें 14 सूत्रीय मांग पत्र सौंपने के बाद किसान करीब दो बजे कलक्टेट से वापस लौटे। इस दौरान वहां पर भारी पुलिस फोर्स तैनात रहा।