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उत्तर प्रदेश
उर्स से पहले आला हजरत की पुस्तकों का संग्रहालय हुआ तैयार, विभिन्न भाषाओं में होगा शोध कार्य
Tara Tandi
2 Sep 2023 2:21 PM GMT
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बरेली में आला हजरत इमाम अहमद रजा फाजिले बरेलवी के उर्स की तैयारियां चल रही हैं। दुनियाभर से आने वाले जायरीन के खाने पीने और रहने सहने की व्यवस्थाओं में समितियां लगी हुई हैं। मगर आला हजरत का जो सबसे बड़ा कारनामा है वो उनकी लिखी गई पुस्तकें हैं। एक अनुमान के मुताबिक आला हजरत ने लगभग एक हजार से ज्यादा पुस्तकें लिखी हैं। इन पुस्तकों को एक जगह जमा करने और शोध कार्य को आगे बढ़ाने की दिशा में इस्लामिक रिसर्च सेंटर स्थित दरगाह आला हजरत ने एक लाइब्रेरी स्थापित की है।
संस्था के निर्देशक मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का कहना है कि देश और विदेश से आने वाले रिसर्च स्कॉलरों को एक जगह किताबें नहीं मिल पाती थीं, जिसकी वजह से शोधकर्ताओं को लिखने पढ़ने की समस्याओं का सामना करना पड़ता था। मगर अब उन लोगों को आसानी होगी। एक जगह बैठकर रिसर्च का काम आसानी के साथ कर सकते हैं।
विदेशी स्कॉलरों ने किया संपर्क
मौलाना ने बताया कि इस लाइब्रेरी के बनने देश-विदेश के उलमा और बुद्धिजीवियों में खुशी है। सऊदी अरब, मिस्त्र, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, अमेरिका और साउथ अफ्रीका आदि विभिन्न देशों के रिसर्च स्कॉलर सीधे तौर पर संपर्क में हैं। भारत के राज्यों में स्थापित विभिन्न विश्वविद्यालयों में हो रहे आला हजरत पर पीएचडी का काम करने वाले 12 से ज्यादा स्कॉलर इस्लामिक रिसर्च सेंटर की लाइब्रेरी में आ चुके हैं।
उन्होंने बताया कि लाइब्रेरी की चर्चा केरला और तमिलनाडु के उलेमा तक जब पहुंचीं तो उन्होंने दरगाह आला हजरत पर हाजरी देने के बाद लाइब्रेरी देखकर अपनी खुशी का इजहार किया और कहा कि ये वक्त की जरूरत थी। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने ये भी बताया कि अब तक 30 से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उसी की कड़ी में एक पुस्तक जिसका नाम 'मुफ्ती ए आजम हिन्द और उनके खुलफा' है, गत दिनों इस पुस्तक का विमोचन करने के लिए केरला के राज्यपाल आरीफ मोहम्मद खां आ चुके हैं। राज्यपाल ने पुस्तक की सराहना की थी।
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