उत्तर प्रदेश

Basti: वीडियो में महिला ने परिवार के साथ आत्मदाह की दी धमकी

Admindelhi1
8 Nov 2024 5:33 AM GMT
Basti: वीडियो में महिला ने परिवार के साथ आत्मदाह की दी धमकी
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आत्मदाह की धमकी

बस्ती: गौर थानाक्षेत्र के टिनिच पुलिस चौकी अंतर्गत आमा गांव का एक वीडियो वॉयरल हो रहा है. वीडियो में एक महिला परिवार सहित आत्मदाह की धमकी दे रही है. महिला का आरोप है कि न्यायालय में लंबित मुकदमे के बाद भी उसकी पैतृक जमीन पर दबंगई के बल पर कब्जा किया जा रहा है. स्थानीय पुलिस से लेकर डीएम के स्तर तक शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. विवश होकर उसे आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ रहा है. उसके इस कदम के लिए अधिकारी व विपक्षी जिम्मेदार होंगे. चौकी प्रभारी टिनिच सचिंद्र ने बताया की सोशल मीडिया पर वॉयरल हो रहे वीडियो की जानकारी हुई है. मामले की जांच की जा रही है.

वॉयरल वीडियो में दिख रही गांव की एक महिला का कहना है कि गांव में उसकी पैतृक जमीन है, जिस पर न्यायालय में मुकदमा चल रहा है. मुकदमा चलने के बाद भी कुछ दबंग जमीन पर जबरन कब्जा कर रहे हैं और रोकने पर जान से मारने की धमकी देते हुए खदेड़ देते हैं. इस बात की शिकायत स्थानीय थाना, एसडीएम भानपुर व डीएम बस्ती से की गई, लेकिन कहीं उसकी सुनवाई नहीं हो रही है. अगर न्याय नहीं मिलता है तो वह परिवार सहित पेट्रोल डालकर आत्मदाह कर लेगी. महिला व उसके परिवार के बच्चे हाथों में पेट्रोल से भरी बोतले लेकर खड़े देखे जा सकते हैं.

राप्ती नहर में हुए टेंडर की जांच की मांग: पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने प्रदेश के सिंचाई मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह से मिलकर राप्ती नहर निर्माण मंडल-दो में आमंत्रित निविदा में की गई मनमानी एवं भ्रष्टाचार की जांच कमेटी गठित कर कराने और निविदा पुन निष्पक्ष रूप प्रकाशित कराए जाने का आग्रह किया. पूर्व विधायक ने मंत्री को बताया कि उन्हें यह जानकारी हुई है कि अधीक्षण अभियंता राप्ती नहर निर्माण मंडल-दो में विभिन्न कार्यों की लगभग 100 करोड़ की निविदाएं आमंत्रित की गई थी. प्रत्येक कार्य पर 10-15 ठेकेदारों ने निविदा में प्रतिभाग किया था, किन्तु अधीक्षण अभियंता ने मनमाने तरीके से प्रत्येक लाट पर दो ठेकेदारों की निविदाएं पात्र की गईं. ऐसा प्रतीत होता है कि चहेते ठेकेदारों को निविदा दे दी गई हैं. यदि निविदा पारदर्शी ढंग से की जाती तो निविदा की दरें तुलनात्मक रूप से 20-25 प्रतिशत कम आती एवं लगभग 20-25 करोड़ राजकीय धन का दुरूपयोग होने से रोका जा सकता था. इसे लेकर ठेकेदारों में आक्रोश है.

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