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Basti: पीआईसीयू वार्ड की विद्युतीकरण व्यवस्था की जांच में खामियां निकली
बस्ती: विद्युत सुरक्षा विभाग की ओर से दी गई सलाह की अनदेखी मरीजों पर भारी पड़ सकती है. विभाग ने जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड व जिला अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड की विद्युतीकरण व्यवस्था की जांच कर उनमें खामियां निकाली थी. विभाग ने उसे तत्काल दूर करते हुए रिपोर्ट प्रेषित करने को कहा था. विद्युत सुरक्षा विभाग के सहायक निदेशक बस्ती जोन ब्रजेश यादव का कहना है कि पांच माह से ज्यादा समय गुजर चुका है, लेकिन किसी अस्पताल की ओर से कार्रवाई रिपोर्ट नहीं आई है. जानकारों का कहना है कि झांसी में हुए हादसे के बाद एक बार फिर अस्पतालों की विद्युत सुरक्षा की व्यापक जांच कराए जाने की जरूरत है.
विद्युत सुरक्षा विभाग ने महिला अस्पताल की जांच के बाद 20 बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कर प्रेषित किया है. एसएनसीयू वार्ड की जांच में पाया था कि कंट्रोल पैनल से मेन स्विच तक आ रही मेन केबल की क्षमता लोड के अनुसार नहीं है. केबल को मानक के अनुसार कराते हुए दो केबल की व्यवस्था कराई जानी चाहिए. वार्ड में पॉवर वॉयरिंग के लिए इंटरनल वॉयरिंग में 2.5 एमएम के तार लगे हैं, जिस पर एसी का भी लोड दे दिया गया है. वॉयरिंग पर निर्धारित मानक से अधिक भार है. जिससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है. वार्ड में लगे एलडीबी व पीडीबी पर उचित क्षमता के आरसीसीबी का प्रावधान नहीं किया गया है. विद्युत अधिष्ठान में विद्युत क्षरण से बचाव के लिए कोई प्रोटेक्टशन डिवाइस नहीं लगी है. सीएमएस डॉ. एके वर्मा का कहना है कि नए सिरे से वॉयरिंग की मरम्मत का कार्य कराया जाना है. विद्युत सुरक्षा से जो सुझाव मिले हैं, उसका भी ध्यान रखा जाएगा. टीम ने जिला अस्पताल का भी निरीक्षण कर कई खामियां उजागर किया था. बालरोग विभाग के ग्राउंड फ्लोर पर लगे मेन स्वीच व डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स क्षतिग्रस्त मिले थे. एमसीसीबी व आरसीसीबी लगवाए जाने का सुझाव दिया था. बालरोड विभाग के वार्ड नंबर-दो में वेंटिलेशन के लिए पावर वॉयरिंग नहीं पाई गई. पूरे अस्पताल में मिली कमियों की 22 बिंदु पर रिपोर्ट तैयार कर अस्पताल को भेजी थी.
इस बाबत एसआईसी डॉ. वीके सोनकर का कहना है कि विद्युत सुरक्षा की ओर से जो भी सुझाव दिए गए, उसे पूरा करा दिया गया है. ओपेक अस्पताल कैली में लगे ट्रांसफॉर्मर से लेकर पीडियाट्रिक वार्ड, एनआईसीयू आदि में काफी खामियां मिली थीं. प्रधानाचार्य प्रो. मनोज कुमार का कहना है कि जो भी कमियां मिलती हैं, उसे दूर करा दिया जाता है.