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Basti: निजी अस्पतालों में आग बुझाने की व्यवस्था नाकाफी
बस्ती: निजी अस्पतालों में आग से बचाव के पर्याप्त संसाधन नहीं है. यदि आग की घटना घटी तो बड़ा नुकसान होना तय है. कारण, संकरी गलियों में संचालित अस्पतालों के पास फायर फाइटिंग और अग्निशमन यंत्र का अभाव है. सरकारी अस्पतालों में भी मानक के अनुसार सुविधाएं नहीं हैं.
दिल्ली के निजी अस्पताल के एसएनसीयू में लगी आग से हुई जनहानि के बाद स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हुआ है. जिला अस्पताल में फायर फाइटिंग, आलर्म सिस्टम समेत अग्निशमन यंत्र पर्याप्त संख्या में हैं. पड़ताल में सामने आया कि सभी क्रियाशील हैं. एनआईसीयू में भी आलर्म और अन्य संसाधन हैं. 50 से अधिक छोटे-बड़े अग्निशमन यंत्र हैं. एसआईसी डॉ. वीके सोनकर का कहना है कि फायर फाइटिंग की सुविधा के साथ ही अन्य व्यवस्था है, एनओसी मिल चुकी है. माकड्रिल के लिए अग्निशमन विभाग को पत्र भेजा गया है. उन्होंने खुद निरीक्षण कर पूरे परिसर में आग से बचाव की जानकारी ली. वहीं जिला महिला अस्पताल में सिर्फ आलर्म सिस्टम है. फायर फाइटिंग की सुविधा अभी नहीं है. छोटे-बड़े अग्निशमन यंत्र लगे हुए हैं. एसएनसीयू भी यहां संचालित है. फायर फाइटिंग की सुविधा नहीं होने से बचाव के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं.
वहीं जिले में संचालित 244 निजी अस्पतालों में से सिर्फ 160 के पास ही फायर फाइटिंग की सुविधा है. शेष अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र के जरिए कामचलाऊ व्यवस्था है. सीएमओ डॉ. आरएस दुबे के अनुसार जिन अस्पतालों के पास फायर फाइटिंग की सुविधा नहीं है. उनका नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है. 45 अस्पतालों के नवीनीकरण से संबंधित अभिलेख को खारिज कर दिया गया है. बताया कि अभी तक 110 का पंजीयन नवीनीकरण किया गया है, जिसमें क्लीनिक भी हैं.