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बस्ती: अलाव मद का पैसा दबाए रखने के मामले में नगर पालिका परिषद को 12 लाख रुपये का चूना लगा है. कोर्ट की सख्ती पर मद के साथ ब्याज रहित भुगतान कर ठेकेदार को राहत दी गई है. इससे पालिका को नुकसान उठाना पड़ा है.
वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में शहरी क्षेत्र में लोगों को ठंड से बचाव के लिए अलाव जलवाने के लिए लकड़ी का टेंडर हुआ था. इसमें 27 लाख रुपये से अधिक का बजट तय हुआ था. ठेकेदार ने अलाव के लिए लकड़ी की आपूर्ति कर दी. अलाव भी जले, लेकिन भुगतान यह कहकर रोक दिया गया कि बजट नहीं है. टाल-मटोल करते हुए 10 साल बीत गए. ऐसे में ठेकेदार ने कोर्ट की शरण ली. सिविल जज सीनियर डिवीजन अमित मिश्रा से अपील किया, कोर्ट ने सख्ती दिखाई. कई बार भुगतान के लिए नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन इस मामले में नपा प्रशासन ढुलमुल रवैया अपनाए रहा. बाबू भी दिलचस्पी नहीं दिखाया, जिसका खामियाजा ब्याज के रूप में भुगतना पड़ा. नगर पालिका के राज्यवित्त के बजट से अलाव के नाम पर बकाया 27 लाख रुपये के बजाय ब्याज सहित 39 लाख रुपये स्टेट बैंक से कटौती करते हुए भुगतान किया गया. इससे पालिका को जबरदस्त झटका लगा है. इसमें 12 लाख रुपये ब्याज देने पड़े हैं.
पेंशन भुगतान में ढिलाई पर भी देना पड़ा 34 हजार ब्याज नगर पालिका की ढिलाई जारी है. पेंशनर्स के भी पेंशन फंसे हैं. रामनारायन को पेंशन समय से नहीं देने के मामले में पालिका को 34 हजार रुपये ब्याज देने पड़े
पूरी पत्रावली मंगवाकर जांच कर रही हैं कि कहां से चूक हुई है. संबंधित बाबू से इस बाबत जवाब मांगा जाएगा.
- सुनिष्ठा सिंह
ईओ/एसडीएम, बस्ती.