उत्तर प्रदेश

बरेली के जिम्मेदारों की विविधता से जा रही है जान, कुतुबखाना स्टूडियो के आसपास के उद्यमों का निर्माण कार्य चल रहा है, बिना बैरिकेडिंग के प्लॉट का निर्माण कार्य चल रहा

SANTOSI TANDI
26 Sep 2023 6:04 AM GMT
बरेली के जिम्मेदारों की विविधता से जा रही है जान, कुतुबखाना स्टूडियो के आसपास के उद्यमों का निर्माण कार्य चल रहा है, बिना बैरिकेडिंग के प्लॉट का निर्माण कार्य चल रहा
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बिना बैरिकेडिंग के प्लॉट का निर्माण कार्य चल रहा
उत्तरप्रदेश : कुतुबखाना फ्लाईओवर निर्माण में कार्यदायी एजेंसी से लेकर सेतु निगम, नगर निगम समेत तमाम विभागों की लापरवाही देखी जा सकती है. निर्माणाधीन कार्य बिना बैरिकेडिंग केवल ग्रीन चादर लगाकर किया जा रहा है. ऊपर काम चल रहा और फ्लाईओवर के नीचे अतिक्रमण से रोड सजा हुआ है. इस लापरवाही से लोगों की जिंदगी से खेला जा रहा है.
सर्विस लेन बनाए बगैर ही फ्लाईओवर का काम शुरू कर दिया जिसकी वजह रास्ता ऊबड़ खाबड़ और जानलेवा है. रोड पर फिसलने वाली कीचड़ से भी फ्लाईओवर निर्माण के आसपास दुकानों का अतिक्रमण, जिम्मेदारों ने आंख मूंदी रखी है. वाहन निकल रहे हैं. हाईटेंशन बिजली के तार रोड से निकल रहे हैं जो कभी भी हादसे को दावते दे रहे हैं.
निर्माणाधीन फ्लाईओवर पर लगातार हादसे हो रहे हैं. इसके बाद भी जिम्मेदार विभाग बेपरवाह है. दो लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों राहगीर जख्मी हो चुके हैं. की शाम को शटरिंग गिरने वाले स्थान पर कार्यदायी एजेंसी की लापरवाही कम नहीं हुई हैं. जिस स्थिति में हादसा हुआ, ठीक उसी तरह की स्थिति में है. हालांकि काम रोक दिया गया है. श्रमिक भी ऐसे खतरे में काम करना नहीं चाहते हैं.
सर्विस लेन पर कंक्रीट और मिट्टी डालकर छोड़ा
फ्लाईओवर के दोनों ओर सर्विस लेन बनाया जाना है, लेकिन कार्यदायी संस्था मंटेना इंफ्रासॉल ने रोड के दोनों ओर करीब 150 मीटर की दूरी तक अस्थाई रूप से सर्विस लेन के लिए केवल कंक्रीट और मिट्टी डालकर छोड़ दी गई है. इससे राहगीरों के आने-जाने में समस्या आ रही है. कार्यदायी एजेंसी ने इस मार्ग पर बिना सर्विस लेन बनाए ही फ्लाईओवर का काम शुरू करा दिया था.
76 लाख का जुर्माना कहीं दिखावे के लिए तो नहीं
सेतु निगम व बरेली स्मार्ट सिटी कंपनी से जुड़े अधिकारियों को इतना तो मालूम था कि कार्यदायी एजेंसी लापरवाही बरत रही है. क्योंकि कार्यदायी एजेंसी पर दो बार 38-38 लाख यानी 76 लाख का जुर्माना भी अधिकारियों ने लगाने की दावा किया था. चर्चा यह भी है कि यह जुर्माना केवल दिखाने के लिए है. नोटिस जारी किए गए हैं मगर जुर्माना की धनराशि न तो एजेंसी के भुगतान से काटी है न जमा की गई है.
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