- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- बरेली : पुलिस...
उत्तर प्रदेश
बरेली : पुलिस हत्याकांड को बताती रही कोर्ट के आदेश पर जब जांच हुई तो साथियों के हत्यारे दोस्त ही निकले
Bhumika Sahu
27 Aug 2022 4:13 AM GMT

x
जांच हुई तो साथियों के हत्यारे दोस्त ही निकले
बरेली. पुलिस जांच करे या फिर कोई कार्रवाई, हमेशा उंगली उठती है. ऐसा सभी पुलिस अधिकारी नहीं करते लेकिन एक दो जांच अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की वजह से बदनामी पूरे महकमे को मिलती है. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बरेली में देखने को मिला है. बरेली के सीबीगंज पुलिस जिस हत्याकांड को सड़क हादसा बता रही थी, असल में वह हत्या निकली. हैरानी की बात यह है कि पुलिस ने युवक की दुर्घटना में मौत बताते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया था. जांच तक जरूरी नहीं समझी. पीड़ित पिता ने इंसाफ के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद आरोपितों पर मुकदमा दर्ज किया गया. विवेचना में हादसे की कहानी हत्या निकली. विवेचना में सामने आया कि रुपयों के लालच में तीन दोस्तों ने ही साथी की हत्या कर दी. अब पुलिस ने तीनों आरोपियों को गुरुवार को अरेस्ट कर जेल भेज दिया.
मामला 11 मार्च का है. पलिया लखीमपुर के रहने वाले अर्जुन का शव नदोसी गांव के हनुमान मंदिर के पास बरेली रामपुर रोड किनारे पड़ा मिला था. शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान मिले. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया. तीन दिन बाद मृतक के पिता कन्हईलाल ने बेटे अर्जुन के रूप में शव की पहचान की. कन्हईलाल ने अर्जुन के दोस्त रवि व उसके दो साथियों हत्या का आरोप लगाया. इस पर सीबीगंज इंस्पेक्टर ओमप्रकाश गौतम ने कन्हईलाल को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि सड़क हादसे में अर्जुन की मौत हुई है. जबकि मृतक के परिजन अपनी बात पर कायम रहे कि हादसा नहीं हत्या हुई है. इसे लेकर पुलिस ने कई बार डांट भी लगाई. जब मामले की सुनवाई पुलिस ने नहीं की तो पीड़ित पिता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट के आदेश पर परसाखेड़ा की एक कार एजेंसी में काम करने वाले अर्जुन के दोस्त रवि के विरुद्ध सीबीगंज पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया. विवेचना जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई, हत्या और हादसे की परतें खुलती गईं. रवि को गिरफ्तार कर लिया गया. उसने साथी आशीष व थान सिंह के साथ मिलकर अर्जुन की हत्या की बात स्वीकार की. रवि की निशानदेही पर आशीष व थान सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार करके कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया.
रुपये देखकर बिगड़ी नियत
रवि ने पुलिस को बताया कि अर्जुन के पास घटना वाले दिन मोटी रकम थी. इस बात की उसे भनक लग च़ुकी थी. वह 11 मार्च को अपनी बहन के घर बदायूं जाने के लिए मुरादाबाद से निकला था. बीच में वह बरेली रुक गया. इस पर तुरंत ही आरोपित रवि ने अपने दोस्त आशीष व थान सिंह को बुलाया. तय योजना के तहत शराब पार्टी की. नशे में होने के बाद रवि ने अर्जुन से रुपये को लेकर विवाद शुरू कर दिया. बात बढ़ गई। इसी के बाद तीनों ने मिलकर एजेंसी में खड़ी गाड़ी अर्जुन के ऊपर चढ़ा दी, जिससे अर्जुन की मौत को सड़क हादसा करार दिया जा सके. अर्जुन को मरा समझकर आरोपित उसे नदोसी गांव के हनुमान मंदिर के पास डाल गए और भाग खड़े हुए. जिसमें अर्जुन की मौत हो गई.
अर्जुन के पास दो लाख रुपये थे
मृतक अर्जुन के पिता ने बताया कि बेटे के पास दो लाख रुपये थे. जबकि पुलिस का कहना है कि लिखाए गए अभियोग में कन्हईलाल ने 60 हजार रुपये ही बताए. वहीं आरोपितों के पास से पुलिस 3150 रुपये ही बरामद किए.
कामयाब हो गए थे हत्यारोपी
हत्यारोपी रची गई कहानी को गढ़ने में कामयाब हो गए थे. पुलिस हादसे की कहानी से आगे बढ़ नहीं पाई. गनीमत रही कि कोर्ट के आदेश पर मामले में अभियोग पंजीकृत हुआ और विवेचना हुई. नहीं तो अर्जुन की मौत का राज दब जाता. पूरे मामले में लापरवाह इंस्पेक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस के आला अफसरों की ओर से उन्हें क्लीनचिट दे दी गई.
Next Story