उत्तर प्रदेश

Bareilly: स्कूलों के बाहर जलभराव टपक रही छत, छात्र व शिक्षक परेशान

Tara Tandi
7 July 2024 8:21 AM GMT
Bareilly: स्कूलों के बाहर जलभराव टपक रही छत, छात्र व  शिक्षक परेशान
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Bareilly बरेली । बेसिक स्कूलों में बच्चों की सुव्यवस्थित शिक्षण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कायाकल्प सहित तमाम योजनाओं के जरिए मरम्मत, निर्माण व टाइलीकरण आदि कराए गए हैं। बरसात के शुरुआती दौर में ही इन कार्यों की पोल खुलती दिखाई दे रही है। नगर व ग्रामीण क्षेत्र के तमाम स्कूलों में जलभराव, कीचड़ और लिंटर टपकने की समस्यायें सामने आने लगी हैं। ऐसे में शिक्षण कार्य भी ठीक से नहीं हो पा रहा है।
जिले में कुल 2483 परिषदीय
विद्यालयों में से कई ऐसे हैं, जहां जलभराव के चलते बच्चों का पहुंचना ही मुश्किल हो गया है। कोहाड़ापीर स्थित कंपोजिट स्कूल, गंगापुर गौटिया प्राथमिक स्कूल, कटसारी उच्च प्राथमिक स्कूल, आसपुर प्राथमिक स्कूल, पंडरी कंपोजिट स्कूल सहित जिले में तमाम ऐसे स्कूल हैं, जहां जलभराव, कीचड़ के अलावा दीवारें भी धंस रही हैं और लिंटर टपकने की समस्या बनी हुई है। दरार पड़ चुकी दीवारों से भी लगातार पानी टपक रहा है।
शिक्षकों का कहना है कि ऐसे में किसी तरह बच्चे स्कूल तक पहुंच भी रहे हैं तो परिसर में जलभराव के चलते उन्हें कक्षाओं तक पहुंचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। स्कूलों में दो दिनों से बिजली की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। ऐसे में कक्षाओं में अंधेरा होने के चलते बच्चों को पढ़ा पाना भी मुश्किल हो रहा है।
अधिकारियों को देना चाहिए ध्यान
बरसात के कारण स्कूलों में सभी व्यवस्थाएं लगभग ठप हो चुकी हैं। कई स्कूलों में दीवारें धंस रही हैं। बरसात से पहले ही शिक्षकों ने जर्जर स्कूलों के ध्वस्तीकरण व मरम्मत की मांग को लेकर अधिकारियों को पत्र भी लिखा था, लेकिन समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में किसी अप्रिय घटना से इन्कार नहीं किया जा सकता है-सत्येंद्र पाल सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, यूटा
इन दिनों लगातार बरसात हो रही है। इस कारण स्कूल परिसर में कीचड़ की स्थिति हो गई है। कक्षाओं का लिंटर भी जगह-जगह से टपक रहा है। इस कारण इस सब से तो बच्चे परेशान हो ही रहे हैं। उनको शिक्षण कार्य कराने में भी दिक्कतें आ रही हैं-डाॅ. अल्पना गुप्ता , प्रधानाध्यापक
जिले के तमाम स्कूलों में बरसात के चलते बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनकी सुरक्षा को लेकर विभागीय अधिकारियों को कोई रास्ता जरूर निकालना चाहिए। क्योंकि बच्चों के पास बरसात से बचने के लिए कोई सुविधा नहीं है। वे भीगने के कारण बीमार पड़ रहे हैं
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