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Bareilly: कम खर्च और कम समय में हो सकेगी गर्भाशय के कैंसर की जांच
बरेली: मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी ‘स्ट्रिप टेस्ट किट’ बनाई है, जिससे गर्भाशय कैंसर (ओवेरियन कैंसर) की जांच कम खर्च और कम समय में हो सकेगी. इस स्ट्रिप से कोरोना और प्रेग्नेंसी की तर्ज पर ओवेरियन कैंसर की जांच हो सकेगी. लेकिन इस स्ट्रिप से ओवेरियन कैंसर की जांच लैब में ही संभव होगी. एक बूंद खून से 20 मिनट में रिपोर्ट आ जाएगी. स्ट्रिप की कीमत 80 रुपये है. संस्थान के वैज्ञानिकों की ओर से तैयार की गई स्ट्रिप को भारत सरकार ने दस साल के लिए जून 2024 में पेटेंट प्रदान किया है.
बायोटेक्नोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सीमा नारा ने बताया कि एक ऐसी ब्लड टेस्ट किट को विकसित किया गया गया है जो ओवेरियन कैंसर की पहचान करता है. जिन महिलाओं की ओवरी में सिस्ट होती है या सूजन की समस्या होती है, उनका अल्ट्रासाउंड करके ओवेरियन कैंसर के लक्षण पता करने की कोशिश की जाती है. इसमें समय काफी लग जाता है. उन्होंने कहा कि स्ट्रिप टेस्ट के जारिए खून से 20 मिनट के भीतर जांच संभव है. डॉ. नारा ने बताया कि यह जांच किट नैनो तकनीक पर आधारित है.
स्ट्रिप से इस तरह कर सकेंगे जांच: डॉ. नारा ने बताया कि यह किट प्रेग्नेंसी और रैपिड एंटीजन जांच में इस्तेमाल होने वाले ‘नाइट्रोसेल्यूलोज-आधारित टेस्ट’ स्ट्रिप के समान है. स्ट्रिप पर एक बूंद खून गिराएंगे तो ब्लड के कलर को सॉफ्टवेयर से मापा जाएगा. सॉफ्टवेयर कलर के आधार पर सीए-125 बायोमार्कर (सीए 125 का मतलब कैंसर एंटीजन 125 है, जो रक्त में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है.) का डाटा बता देगा. जिससे यह मालूम हो जाएगा कि ओवेरियन कैंसर है की नहीं. यह शोध फ्रंटियर्स इन केमिस्ट्री और बायोसेंसर्स एंड बायोइलेक्ट्रॉनिक्स में प्रकाशित हो चुका है.