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Bareilly: तेल फर्म में दो करोड़ के टर्नओवर पर मिली टैक्स चोरी
बरेली: जीएसटी टीम ने लाल चंद एग्रो ऑयल प्राइवेट लिमिटेड ब्रह्मापुरा पर सर्वे किया. डेटा विश्लेषण और प्राप्त शिकायतों के आधार पर हुई जांच में प्रथम दृष्टया दो करोड़ के टर्नओवर पर टैक्स चोरी सामने आई है.
लाल चंद एग्रो ऑयल प्राइवेट लिमिटेड सरसों तेल, रिफाइंड तेल, राइस ब्रान तेल, मूंगफली तेल और पाम आयल को खरीद कर विभिन्न प्रकार के पैकिंग में पैक कर विभिन्न नामों के ब्रांड नेम से ब्रिकी करता है. फर्म का सालाना कारोबार 25 करोड़ रुपये है. उसके बाद भी कैश सेट नगण्य है. ई-वे बिल इनवर्ड और आउटवर्ड सप्लाई में मूल्य में विसंगतियां मिली. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि फर्म कच्चे बिलों पर माल की सप्लाई करती है. माल की कीमत बिलों में कम प्रदर्शित की जाती है. गोदाम भी जीएसटी पोर्टल पर घोषित नहीं पाया गया. जांच के दौरान व्यापार स्थल पर कोई अभिलेख भी नहीं पाए गए. लूज पर्चों से सप्लाई के साक्ष्य मिले.
मौके पर 87 लाख का खाद्य तेल व पांच लाख का पैकिंग मैटीरियल पाया गया. इसे सत्यापन के अभाव में सीज कर दिया गया. मौके से मिले संदिग्ध अभिलेख भी सीज किए गए हैं. प्रथम दृष्टया दो करोड़ रुपये के टर्नओवर पर टैक्स चोरी पकड़ी गई है. आगे की जांच जारी है.
हमरा सभी काम ईमानदारी पूर्वक होता है: फर्म से कन्हैया भाटिया ने बताया कि हमारा सभी काम ईमानदारी पूर्वक किया हुआ है. ई-वे बिल से सामान आता है. आरटीजीएस से भुगतान होता है. कहीं भी किसी तरीके की गड़बड़ी नहीं है.
मेडिकल स्टूडेंट से 2.80 लाख की साइबर ठगी: सइबर ठगों ने रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र को पार्ट टाइम बिजनेस का झांसा देकर 2.80 लाख ठग लिए. इस मामले में थाना बारादरी में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है.
गुजरात में जिला छोटा उदयपुर के नसवाड़ी वरोदड़ा निवासी सानिध्य राठौर ने पुलिस को बताया कि वह रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है. 27 सितंबर को पार्ट टाइम बिजनेस के नाम पर उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया. बताया गया कि उन्हें कुछ टास्क पूरे करने होंगे, जिसके बदले रुपये मिलेंगे. इसके बाद उन्हें कुछ प्रोडक्ट के लिंक भेजे गए, जिन्हें कार्ट में जोड़कर उसका स्क्रीनशॉट भेजना था. पहले उन्हें कुछ मुनाफा कराया और फिर 80 हजार का निवेश करने पर 1.20 लाख रुपये देने की बात कही. उसके बाद दो लाख रुपये का निवेश कराया और फिर तीन लाख रुपये की डिमांड करने लगे. तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने रकम देनी बंद कर दिया. इस पर उन्हें फंसाने के लिए दूसरों को चार-पांच लाख रुपये देने के स्क्रीनशॉट दिखाए गए और तीन लाख रुपये जमा करने का दबाव बनाया. मगर उन्होंने रकम नहीं दी तो आरोपियों ने उनके 2.80 लाख रुपये हड़प लिए.
ऑनलाइन पोर्टज के बाद थाने में रिपोर्ट: सानिध्य राठौर ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज कराई और अब बारादरी थाने में शिकायत कर रिपोर्ट लिखाई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.