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Bareilly: पुलिस का दावा, साइबर अपराधी के लोकेशन की जानकारी मिली
बरेली: कैबिनेट मंत्री की कंपनी से 2.08 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के बाद पुलिस के आलाधिकारी तक खलबली मची हुई है. पुलिस का दावा है कि साइबर अपराधी के लोकेशन की जानकारी मिल गई है. पुलिस की टीम रवाना हो चुकी है. हालांकि जिन तीन बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर कराए गए थे. उसमें से अधिकांश धनराशि को साइबर ठग ने चौबीस घंटे के अंदर ही साफ कर दिया है. सूत्रों की मानें तो अधिकांश रुपये क्रिप्टो करेंसी में तब्दील हो चुकी हैं. ऐसे में कैबिनेट मंत्री के ठगी किए गए रुपयों की रिकवरी करना आसान नहीं होगा.
कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी के इकावो एग्रो डेली प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव को वाट्सएप पर 13 को मंत्री के बेटे अभिषेक गुप्ता की फोटो लगी प्रोफाइल नंबर से मैसेज आया था. साइबर ठग ने खुद को मंत्री का बेटा होने का झांसा देते हुए तीन अलग-अलग बैंक खातों में 2.08 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिया गया. थोड़ी देर बार सच्चाई का पता चलने पर रितेश श्रीवास्तव ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने एक्सिस बैंक कोलकाता, आईसीआईसीआई बैंक बरेली व यूको बैंक सिलीगुड़ी को मेल भेजकर खाता फ्रीज करने की सूचना दी है. हालांकि उसी दिन साइबर ठग ने अधिकांश रुपये साफ कर दिया है. पुलिस को दर्जनों अलग-अलग खातों में रुपये ट्रांसफर होने की सूचना मिली है.
साइबर क्राइम पुलिस की मानें तो ठगी के रुपयों की रिकवरी मुश्किल होने लगी है.
पहले भी नहीं हुई शत प्रतिशत रिकवरी
साइबर पुलिस पहले भी ठगी के रुपये की शत प्रतिशत रिकवरी नहीं कर सकी है. 23 अप्रैल में पूर्व आईएफएस की पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर एक करोड़ 48 लाख रुपये की साइबर ठगी में दिल्ली निवासी चार आरोपियों को पकड़ा था, लेकिन शत प्रतिशत रिकवरी नहीं हुई. सिर्फ 40 लाख रुपये फ्रीज कराया जा सका था. मुंडेरा निवासी हर्ष भट्ट के साथ 12 जुलाई को 28 लाख 62 हजार रुपये की साइबर ठगी में तीन आरोपी गिरफ्तार तो जरूर किया था, लेकिन रुपये की रिकवरी नहीं कर सकी.
कैबिनेट मंत्री के अकाउंटेंट से साइबर ठगी के मामले में आरोपी का सुराग मिला है. पुलिस टीम को रवाना किया जा चुका है. तीनों बैंक खाते से रुपये अलग-अलग दर्जनों खातों में ट्रांसफर होने की सूचना मिली है. संबंधित बैंकों से संपर्क कर जांच पड़ताल किया जा रहा है. - अभिषेक भारती, डीसीपी नगर
पहले भी नहीं हुई शत प्रतिशत रिकवरी
साइबर पुलिस पहले भी ठगी के रुपये की शत प्रतिशत रिकवरी नहीं कर सकी है. 23 अप्रैल में पूर्व आईएफएस की पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर एक करोड़ 48 लाख रुपये की साइबर ठगी में दिल्ली निवासी चार आरोपियों को पकड़ा था, लेकिन शत प्रतिशत रिकवरी नहीं हुई. सिर्फ 40 लाख रुपये फ्रीज कराया जा सका था. मुंडेरा निवासी हर्ष भट्ट के साथ 12 जुलाई को 28 लाख 62 हजार रुपये की साइबर ठगी में तीन आरोपी गिरफ्तार तो जरूर किया था, लेकिन रुपये की रिकवरी नहीं कर सकी.
कैबिनेट मंत्री के अकाउंटेंट से साइबर ठगी के मामले में आरोपी का सुराग मिला है. पुलिस टीम को रवाना किया जा चुका है. तीनों बैंक खाते से रुपये अलग-अलग दर्जनों खातों में ट्रांसफर होने की सूचना मिली है. संबंधित बैंकों से संपर्क कर जांच पड़ताल किया जा रहा है. - अभिषेक भारती, डीसीपी नगर