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Bareilly: गाटा संख्या 156 की परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में बड़ा खेल हुआ
बरेली: रिंग रोड के सरनिया गांव के गाटा संख्या 156 की परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में बड़ा खेल हुआ. रिंग रोड का गजट जारी होने के बाद गाटा संख्या 156 का भू-उपयोग बदला गया. अगस्त 2021 में गाटा संख्या 156 की सिर्फ बांउड्री बनी थी. गोदाम और दूसरी तरह का कोई निर्माण नहीं था. भूउपयोग परिवर्तन को तैयार रिपोर्ट ने गड़बड़ी से पर्दा उठा दिया है.
रिंग रोड का का पहला गजट 11 जून 2021 को जारी किया गया था. गजट में प्रस्तावित गांवों के नाम शामिल थे. सिंडीकेट ने गजट लीक कर लिया. आनन-फानन में सरनिया गांव के गाटा 156 के भूउपयोग परिवर्तन को एसडीएम कोर्ट में आवेदन किया गया. राजस्व टीम ने सर्वे किया. राजस्व अधिकारियों की रिपोर्ट में 18 अगस्त 2021 को सिर्फ बाउंड्री बताई गई. फोटो भी लगाए गए.
तत्कालीन एसडीएम विशु राजा ने 4 अक्तूबर 2021 को 1.47 हेक्टेयर जमीन का भूउपयोग अकृषक घोषित कर दिया. 28 जनवरी 2022 को रिंग रोड का नोटिफिकेशन (3ए) प्रकाशित हो गया. सरनिया की गाटा 156 में अक्तूबर 21 से मार्च 22 के बीच गोदाम के निर्माण की पुष्टि हुई है. जबकि नोटिफिकेशन प्रकाशित होने के बाद प्रस्तावित जमीन पर निर्माण नहीं किया जा सकता. इसमें एनएचएआई के अधिकारी व कंसल्टेंसी फर्म के साथ पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन की भूमिका संदिग्ध है. कुछ राजस्व अधिकारियों की भी संदिग्ध मिली है.
हाईकोर्ट में मुआवजे के भुगतान का चल रहा केस
सरनिया गांव के गाटा संख्या 156 के मालिक ने मुआवजे के भुगतान के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है. एनएचएआई चेयरमैन के खिलाफ अवमानना का नोटिस भी जारी हो चुका है.
6.57 करोड़ का मुआवजा 12 करोड़ कर दिया
गाटा संख्या 156 का मुआवजा 6.57 करोड़ घोषित किया गया था. जमीन पर बनी परिसंपत्तियों को 5.91 करोड़ दिखाया गया. मुआवजा 12 करोड़ से भी अधिक हो गया.
बाउंड्री 10 साल व गोदाम पांच साल पुराने दिखाए
एनएचएआई के अधिकारी और कंसल्टेंसी फर्म ने सरनिया गांव की गाटा संख्या 156 की बाउंड्री को 10 साल पुराना बताया है. जबकि गोदाम का निर्माण 5 साल पुराना बताया है. हालांकि राजस्व विभाग की रिपोर्ट और एनएचएआई मुख्यालय की जांच में 2021 तक गोदामों का निर्माण नहीं हुआ था.