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Bareilly: बरेली नगर निगम ने करोड़ों रुपये बहाए, फिर भी नालों में गोबर नही रोक पाए
बरेली: शहर वार्डों के नालों में गोबर बहाया जा रहा है. कहीं कूड़ा फेंजा जा रहा है. पिछले पांच साल में जब भी बारिश हुई, अधिकांश मोहल्ले लबालब हो गए. सिकलापुर, कालीबाड़ी, जाटवपुरा, संजय नगर, नेकपुर, नौमहला, वीरभटटी, आजमनगर, सुभाषनगर, मढ़ीनाथ, बानखाना और सौदागरान जैसे मोहल्लों में जलभराव का मुख्य कारण नालों का चोक होना है.
बिहारीपुर सिविल लाइंस, जाटवपुरा, नौमहला, ब्रहमपुरा, आजमनगर, गांधी उद्यान, रामपुरबाग, बिहारीपुर मेमरान, फाल्तूनगंज, शाहदाना, कानूनगोयान, सिकलापुर, बजरिया पूरनमल, शाहबाद, आलमगिरीगंज, सौदागरान से होते हुए नाले शुगर फैक्ट्री, नेकपुर, वीरभटटी, सिठौरा, शांति विहार, सुभाषनगर, मढ़ीनाथ से होकर गुजरते हैं. 16 किमी लंबे नाले में जगह-जगह कूड़े का ढेर है. इससे जलनिकासी नहीं हो पाती है. साथ ही सिकलापुर, सुभाषनगर, जाटवपुरा और सौदागरान में जो दुकानें बेसमेंट व कॉम्पलेक्स में बनी है. बारिश के दौरान पानी भर जाता है. इससे कारोबारियों को काफी नुकसान होता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम को टैक्स देते हैं, लेकिन सुविधाएं कुछ भी नहीं मिलती है. सड़कें ऊंची होती जा रही है, दुकानें-घर नीचे हो रहे हैं. बारिश होती है तो मकान, दुकानों में पानी भर जाता है. डेयरियों से नालों में जा रहा गोबर पूरी तरह बंद होना चाहिए.
नालों में बहाया जा रहा गोबर, गलियों में बह रहा सीवर: शहर के प्रमुख रिहायशी इलाका हो व्यवसायिक क्षेत्र. नगर निगम के जोन-दो के अंतर्गत आते हैं. इसके बावजूद हर साल बारिश में अधिकांश क्षेत्र जलमग्न हो जाते हैं. वजह बताई जा रही है कि इस क्षेत्र के प्रमुख नालों पर अतिक्रमण है. बहुत से नाले तो पूरी तरह चोक है. नालियों की सफाई नहीं होती. नालों में गोबर बहाया जा रहा है इसको रोका क्यों नहीं जा रहा.
इन क्षेत्रों में नालों की स्थिति बिगड़ी: हजियापुर, संजय नगर, सिकलापुर, सुभाषनगर, कटघर, स्वाले नगर, खलीलपुर, मौलानगर, मथुरापुर, जौहरपुर, नदौसी, बेनीपुर चौधरी, मलूकपुर, चौधरी मोहल्ला, महेशपुर अटरिया, किला छावनी, सैदपुर हाकिंस, कुंवरपुर, सरनिया, विधौलिया जहां ड्रेनेज सिस्टम सबसे बुरी स्थिति है.