उत्तर प्रदेश

बरेली: 2020 में 28 हजार बच्चों ने लिया जन्म, कोराना काल में दाइयां जबरदस्त तरीके से चमकी

Gulabi
15 Jan 2021 3:35 AM GMT
बरेली: 2020 में 28 हजार बच्चों ने लिया जन्म, कोराना काल में दाइयां जबरदस्त तरीके से चमकी
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कोरोना की जद में आए तमाम लोग अस्पतालों तक पहुंचे, लेकिन अन्य बीमरियों से ग्रसित लोगों ने अस्पतालों से दूरी बनाकर रखी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बीता साल यकीनन मुसीबतों वाला रहा। कोरोना संक्रमण की जद में आए तमाम लोग अस्पतालों तक पहुंचे, लेकिन अन्य बीमरियों से ग्रसित लोगों ने अस्पतालों से दूरी बनाकर रखी। यहां तक की लोगों ने गर्भवती महिलाओं को भी अस्पताल ले जाना उचित नहीं समझा। इससे शासन के संस्थागत प्रसव बढ़ाने के अभियान को झटका लगा, लेकिन कोराना काल में दाई जबरदस्त तरीके से चमकी। प्रसव कराने के लिए एक बार फिर लोगों ने उनका सहयोग लिया। दाइयों ने भी खूब बधाई बांटी। जून से लेकर दिसंबर तक घर पर पैदा होने वाले बच्चों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई। वही, अस्पताल में प्रसव के आंकड़ों में काफी कमी आई।


नौ महीने में करीब 28 हजार बच्चों ने लिया जन्म

शहर में कोराना के दौरान अप्रैल से लेकर दिसंबर तक नौ महीने के समय में करीब 28 हजार बच्चों ने जन्म लिया। वर्ष 2019 में घरों में पैदा होने वाले बच्चों की संख्या करीब तीन हजार थी। वर्ष 2020 में नौ माह के अंदर घरों में प्रसव का आंकड़ा बढ़कर करीब साढ़े पांच हजार हो गया। इस साल अप्रैल और मई में अस्पताल में पैदाइश का आंकडा अधिक था, लेकिन उसके बाद घरों में पैदा होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई।
इस तरह बन रहा जन्म प्रमाण पत्र
घर में होने वाले प्रसव के 21 दिन के अंदर एक प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र (स्थानीय पार्षद से प्रमाणित) और एक शपथपत्र लगाकर नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में जमा करना होता है। अगर 21 दिन से अधिक और एक साल से कम उम्र का बच्चा है तो आवेदन को सीएमओ से प्रमाणित कराना होता है। एक साल से अधिक के बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट के अनुमोदन के साथ आवेदन करना होता है। अगर बच्चा चार साल से अधिक है तो स्कूल का सत्यापन भी चल जाता है।
निजी अस्पताल से भी ले सकते प्रमाण पत्र

निजी अस्पताल में पैदा होने वाले बच्चों को वही से जन्म प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। इसके लिए प्रक्रिया नगर निगम की भांति ही होती है। ऑनलाइन प्रक्रिया होने के कारण निजी अस्पताल से कभी भी जन्म प्रमाण पत्र लिया जा सकता है। वही, जिला महिला अस्पताल व रेलवे अस्पताल में पैदा होने वाले बच्चों को वही से जन्म प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।
घर में होने वाले जन्म (वर्ष 2020)

माह - लड़का - लड़की - कुल

अप्रैल - 10 - 09 - 19

मई - 40 - 35 - 75

जून - 410 - 457 - 867

जुलाई - 403 - 337 - 740

अगस्त - 313 - 323 - 636

सितंबर - 389 - 426 - 815

अक्टूबर - 486 - 513 - 999

नवंबर - 333 - 295 - 628

दिसंबर - 419 - 259 - 678

घर में होने वाले जन्म (वर्ष 2019)

माह - लड़का - लड़की - कुल

अप्रैल - 216 - 181 - 397

मई - 228 - 170 - 398

जून - 116 - 96 - 212

जुलाई - 158 - 123 - 281

अगस्त - 175 - 148 - 323

सितंबर - 131 - 102 - 233

अक्टूबर - 252 - 178 - 430

नवंबर - 247 - 165 - 412

दिसंबर - 265 - 187 - 452
(आंकड़ा नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार)

क्या कहना है अधिकारियों का

नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि नगर निगम में इस साल ऐसे बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र अधिक बनाए गए हैं, जो घरों में पैदा हुए हैं। शुरू में अप्रैल और मई के महीने में घर में पैदा होने वालों की संख्या कम थी, लेकिन उसके बाद से लगातार घर में बच्चों के जन्म होने का आंकड़ा बढ़ रहा है।


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