उत्तर प्रदेश

बांदा: गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार, हर आंख हुई नम

Suhani Malik
1 Aug 2022 10:02 AM GMT
बांदा: गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार, हर आंख हुई नम
x

दुखद घटना: बांदा। गिरवां बस स्टॉप पर शुक्रवार को इनोवा और ऑटो में हुई भीषण टक्कर में छह लोगों की मौत के बाद शनिवार को चार का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इनमें नरैनी के पनगरा गांव निवासी किशोर उम्र दो सगे भाई भी शामिल हैं। नातियों की मौत की खबर सुनकर घर पर अकेली 70 वर्षीय बुजुर्ग बेहाल हैं। इनका बेटा प्रमोद इसी हादसे का शिकार होकर मेडिकल कॉलेज में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। इनके घर में अब कोई चूल्हा जलाने वाला नहीं है। प्रमोद द्विवेदी शुक्रवार को बेटे मोहित (14), छोटू उर्फ नमन (6) का आधार कार्ड बनवाने के लिए बांदा गए थे। ऑटो से वापस लौटते समय हादसा हो गया। पिता प्रमोद द्विवेदी का मेडिकल कॉलेज में इलाज किया जा रहा है। मोहित और छोटू की मौत हो गई। शनिवार को शिवपुर, पनगरा गांव के केन नदी घाट पर दोनों का अंतिम संस्कार किया गया तो आसपास के गांव के लोग भी इकट्ठे हो गए। सभी की आंखें नम होती रहीं। अंतिम संस्कार से पूर्व अंतिम दर्शन के लिए उन्हें भी बुलाया गया। नातियों की दशा देखकर वे बेसुध हो गईं।

बाद में बेटियां उन्हें घर ले गईं। इनोवा कार और ऑटो में हुई टक्कर से बासी गांव के रहने वाले ओमप्रकाश उर्फ नीलू पुत्र श्याम लाल की मौत के बाद उसके घर में मातम पसरा है। उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। ओमप्रकाश तीन भाई थे। एक भाई बड़ा और एक छोटा है। ओमप्रकाश कानपुर में रहकर प्राइवेट कंपनी में काम करते थे। पत्नी को फोन पर बताया था कि वह कानपुर से बांदा आए हैं। ऑटो से गांव के लिए निकले हैं। छोटे भाई संदीप ने बताया कि बहुत ही हंसमुख और मिलनसार थे। जब भी गांव आते, सबके लिए कुछ न कुछ लेकर आते। ओमप्रकाश की शादी चार साल पहले छानी हमीरपुर की ज्योति के साथ हुई थी। मृतक के एक पुत्री है। खत्री पहाड़। शेखनपुर निवासी रिटायर्ड कानूनगो यासीन अहमद (90) की मौत के बाद शनिवार को उनका भी अंतिम संस्कार किया गया। यासीन अहमद के चार पुत्र हैं।

गुलाम मुस्तफा ब्लॉक कैशियर हैं। जमाल मुस्तफा व्यवसाय करते हैं। रजाउल मुस्तफा एसडीएम के स्टेनो हैं। कमाल मुस्तफा अध्यापक हैं। चारों पुत्र बांदा में रहते हैं। यासीन अपने पैतृक गांव शेखनपुर में ही रहते थे, लेकिन उनका पुराना नियम था कि वह हर शुक्रवार को जुमे की नमाज अदा करने के लिए बांदा जामा मस्जिद जाया करते थे। शुक्रवार को भी वह जुमा की नमाज अदा करने बांदा आए थे। यहां से लौटते समय यह हादसा हुआ।

Next Story