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उत्तर प्रदेश
ज्ञानवापी परिसर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर लगाई रोक, 8 नवंबर को आएगा फैसला
Shantanu Roy
27 Oct 2022 12:27 PM GMT
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फास्ट ट्रैक अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा
वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी केस में गुरुवार को सुनवाई पूरी हो गई. फास्ट ट्रैक अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, अब आठ नवंबर को कोर्ट फैसला सुनाएगी. दरअसल, कथित ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने और उस स्थान पर मुसलमानों के प्रवेश पर मनाही के आदेश देने का अनुरोध करने वाली याचिका की पोषणीयता (सुनवाई की जाए या नहीं) पर फास्ट ट्रैक अदालत सुनवाई हुई. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया कि भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामले में याचिका की पोषणीयता को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने अपनी-अपनी बहस पूरी कर ली थी और आज इस मामले में आदेश आना था. उन्होंने बताया, मगर किन्हीं कारणों से अदालत ने इस मामले पर आठ नवंबर तक के लिए आदेश को सुरक्षित रख लिया है.
फास्ट ट्रैक अदालत का अंतिम फैसला
गौरतलब है कि वादी किरण सिंह ने 24 मई को जिला अदालत में यह वाद दाखिल किया था. याचिका में मुसलमानों का ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश मना करने, परिसर को हिंदुओं को सौपने के साथ ही परिसर में मिले कथित शिवलिंग की नियमित पूजा-अर्चना करने का अधिकार देने का अनुरोध किया गया है. इस वाद में वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया कमेटी के साथ ही विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है. बाद में 25 मई को जिला जज एके विश्वेश ने याचिका को फास्ट ट्रैक अदालत में स्थानांतरित कर दिया था, जहां इसकी पोषणीयता पर सुनवाई हुई.
बंद पड़े तहखानों के सर्वेक्षण पर दो नवंबर को होगी सुनवाई
वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में बंद पड़े दो तहखानों के सर्वेक्षण के आलोक में हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई के लिए दो नवंबर की तारीख मुकर्रर की गई है. इसके साथ ही, अदालत ने मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा समय पर आपत्ति प्रस्तुत न कर पाने के लिये मुस्लिम पक्ष पर 100 रुपये का अर्थदंड लगाया. जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र पांडेय ने बताया, 'हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं ने इससे पहले अदालत में ज्ञानवापी परिसर में बंद पड़े तहखानों के सर्वेक्षण की अपील की थी. अदालत ने मुस्लिम पक्ष को इस संबंध में आपत्ति दर्ज कराने के लिए समय दिया था.
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