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बागपत के गैंग ने केस्को के गेट-वे से छेड़छाड़ कर उड़ाए थे 1.68 करोड़
कानपूर: केस्को में 1.48 करोड़ रुपये का नहीं बल्कि 1.68 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ था. बागपत से जुड़े गैंग ने केस्को के आईसीआईसीआई बैंक बिल भुगतान खाते के गेट-वे से छेड़छाड़ की थी. पुलिस ने मामले का खुलासा कर छह लोगों को जेल भेज दिया है.
मास्टरमाइंड सॉफ्टवेयर इंजीनियर समेत दो शातिरों की तलाश की जा रही है. शातिरों ने पेमेंट गेटवे के यूआरएल में बदलाव कर पैसे दूसरे खाते में ट्रांसफर किए थे. पकड़े गए शातिरों के पास से 90 लाख 50 हजार रुपये बरामद हुए हैं. 10 लाख रुपये एक खाते में सीज किया गया है. जांच के दायरे में केस्को के भी कई कर्मचारी हैं. पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने प्रेसवार्ता में बताया कि बागपत निवासी योगेंद्र, करण राना, शक्ति, अनिल, विवेक शर्मा, सुहैल खान को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस को इनके पास से 31 मोबाइल फोन, 30 एटीएम व अन्य कागजात बरामद हुए हैं. पुलिस ने सुहैल और अनिल को बुलंदशहर से गिरफ्तार किया है जबिक बाकी आरोपित बागपत से पकड़े गए हैं.
मास्टर माइंड की तलाश में दो टीमें लगीं मास्टरमांइड सॉफ्टवेयर इंजीनियर पुलिस के हाथ नहीं लगा है.
बुलंदशहर में होटल खरीदने वाले थे घोटाला करने वाले आरोपित केस्को के हड़पे रुपयों से होटल खरीदने की तैयारी में थे. पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने इस बात का खुलासा किया है.
इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जुटाए
केस्को ने इस मामले में ग्वालटोली थाने में आईसीआईसीआई बैंक के खिलाफ 22 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस कमिश्ररेट की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने जांच शुरू की तो बागपत, मेरठ के तार जुड़े पाए गए. पुलिस कमिश्नर के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर हुई जांच में यह साफ हो गया कि यह काम हैकर्स का था.
यूआरएल में सेंध लगा किया पैसा ट्रांसफर
शातिर हर एक या दो घंटे बाद केस्को के गेटवे के यूआरएल में छेड़छाड़ करके ऑनलाइन जमा हो रही धनराशि को केस्को इलेक्ट्रॉनिक्स के नाम से खोले गए करंट एकाउंट में ट्रांसफर कर रहे थे. यह खाता बागपत निवासी योगेंद्र की पत्नी सुमन के नाम पर आईसीआईसीआई बैंक की बड़ौत शाखा में खुला था. इस खेल का मास्टरमाइंड एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है जो फरार है.
खुलासे में लगी टीम पुरस्कृत
क्राइम ब्रांच की साइबर सेल, स्वाट की टीम ने मामले का खुलासा किया. पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड, संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था आनंद प्रकाश तिवारी, संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय नीलाब्जा चौधरी, डीसीपी अपराध सलमान ताज पाटिल, डीसीपी ट्रैफिक रवीना त्यागी पूरे मामले पर नजर रखे रहे. चारों टीमों को 1-1 लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की गई.
बिजली ठेकेदार ने खुलाया था दंपति से खाता
पुलिस की जांच में पता चला कि विवेक शर्मा बिजली विभाग में ठेकेदार है. सुमन व उसके पति योगेंद्र के पकड़े जाने पर विवेक का भी कनेक्शन खुल गया. विवेक के कहने पर योगेन्द्र ने केस्को इलेक्ट्रॉनिक के नाम पर खाता खुलवाया था. पैसा निकलाने वालों को भी साइबर सेल ने दबोचा है. अब तक की जांच में कई अन्य लोगों के नाम भी प्रकाश में आए हैं. उनकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है.
पूरा मामला इस प्रकार है
● केस्को के उपभोक्ता अपने बिजली के बिलों का भुगतान आईसीआईसीआई बैंक के गेटवे के माध्यम से ऑनलाइन करते हैं.
● भुगतान के बाद बैंक केस्को के खाते में धनराशि भेजता है.
● केस्को ने भुगतान का मिलान किया तो पता चला कि 18 जून से लेकर 16 जुलाई तक 1731 उपभोक्ता द्वारा जमा किया गया 1.48 करोड़ रुपये केस्को को मिला ही नहीं.
● 18 से 23 जून तक 679 उपभोक्ताओं के 44.92 लाख रुपये 1 जुलाई से 16 जुलाई तक 1102 उपभोक्ताओं के जमा 1.03 करोड़ रुपये पार किए गए.
● इस पर केस्को ने रिपोर्ट दर्ज कराई. बाद में यह रकम 1.68 करोड़ तक पहुंच गई.