उत्तर प्रदेश

दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन परियोजना पर मंडरा रहा बादल का संकट, फिजिबिलिटी रिपोर्ट को रेलवे बोर्ड ने की खारिज

Renuka Sahu
20 Aug 2022 5:06 AM GMT
Badals crisis over Delhi-Varanasi bullet train project, Railway Board rejects feasibility report
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फाइल फोटो 

दिल्ली और वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की महत्वाकांक्षी योजना पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली और वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की महत्वाकांक्षी योजना पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल, रेलवे बोर्ड ने दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड कॉरिडोर की फिजिबिलिटी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। इतना ही नहीं, रेलवे अधिकारी हाई स्पीड अथवा सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने को लेकर भी दो धड़ों में बंट गए हैं।

रेलवे बोर्ड के सचिव आरएन सिंह की अध्यक्षता में पिछले हफ्ते दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा बैठक हुई। इसमें नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (एनएचएसआरसीएल) बोर्ड के अधिकारी भी मौजूद थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक में फिजिबिलिटी रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया।
यहां फंसा तकनीकी पेच फिजिबिलिटी रिपोर्ट में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 के साथ-साथ बुलेट ट्रेन कॉरिडोर बनाने का सुझाव दिया गया। इससे जमीन का अधिग्रहण सस्ती दरों पर हो सकेगा और निर्माण की लागत कम होगी। कॉरिडोर बनाने पर करीब 2.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि, इसकी असली लागत डीपीआर बनने के बाद पता चलेगी। इसमें तकनीकी पेच यह है कि एनएच-2 दिल्ली से वाराणसी के बीच तमाम स्थानों पर घुमावदार है। जबकि, 350 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार पर बुलेट ट्रेन चलाने के लिए हाई स्पीड कॉरिडोर सीधा होना चाहिए।
बुलेट ट्रेन परियोजना की लागत बढ़ी
रेलवे बोर्ड और एनएचएसआरसीएल के अधिकारी हाई स्पीड (बुलेट ट्रेन) अथवा सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने पर भी विभाजित हैं। इसका कारण यह है कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को दिसंबर 2023 में पूरा होना था, लेकिन अभी सिर्फ गुजरात में इसके खंभे खड़े हो रहे हैं। महाराष्ट्र में जमीन पर कुछ भी काम नहीं हुआ है। देरी के कारण परियोजना की लागत 1.50 लाख करोड़ तक पहुंचने वाली है। अधिकारियों का तर्क है कि हाई स्पीड कॉरिडोर बनाने में 200 करोड रुपये प्रति किलोमीटर खर्च पड़ रहा है। इसलिए 160-200 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार की सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन ही चलाई जाएं। बता दें कि सरकार ने आम बजट में 400 नई वंदे भारत ट्रेन का उत्पादन करने की घोषणा की है।
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