उत्तर प्रदेश

पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाणपत्र हुआ निरस्त, चेयरमैन शाहनवाज लालू को लगा बड़ा झटका

Ashwandewangan
10 Jun 2023 11:34 AM GMT
पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाणपत्र हुआ निरस्त, चेयरमैन शाहनवाज लालू को लगा बड़ा झटका
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मुजफ्फरनगर । खतौली नगर पालिका से हाल में निर्वाचित चेयरमैन हाजी शाहनवाज लालू को बड़ा झटका लगा है। जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी द्वारा बनाई गयी जांच समिति ने चेयरमैन शाहनवाज लालू का जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है, जिसके बाद उनकी कुर्सी पर भी खतरा पैदा हो गया है।

खतौली नगर पालिका परिषद के चुनाव में पराजित हुए कांग्रेस प्रत्याशी जमील अहमद अंसारी एवं निर्दलीय प्रत्याशी कृष्णपाल सैनी ने नवनिर्वाचित चेयरमैन शाहनवाज लालू के जाति प्रमाण पत्र पर सवाल उठाया था और जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी को लिखित शिकायत दी थी, जिसमें बाद जिलाधिकारी ने एक जाँच समिति का गठन किया था।

उनकी अध्यक्षता में गठित इस समिति में अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह, खतौली के उप जिलाधिकारी सुबोध कुमार और जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी शिवेंद्र कुमार सदस्य के रूप में शामिल है। इस समिति ने चेयरमैन शाहनवाज लालू का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया है।

यह जाति प्रमाण पत्र तहसीलदार खतौली द्वारा 29 मार्च 2023 को जारी किया गया था जिसमें शाहनवाज लालू की जाति कलाल बताई गई थी, जो अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल है। हाजी लालू ने खुद को कलाल जाति का व्यक्ति बताते हुए पिछड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र प्राप्त किया था जबकि शिकायतकर्ता का कहना है कि हाजी लालू पिछड़ा वर्ग से नहीं बल्कि शेख समाज से हैं, जो अगड़ी जाति में आता है।

नवनिर्वाचित चेयरमैन हाजी शाहनवाज़ लालू के स्वर्गीय पिता और दादा के वर्ष 1961 के एक दो दस्तावेजों में नाम के आगे शेख लिखा हुआ है। इसको आधार बनाकर पूर्व चेयरमैन पारस जैन व कृष्ण पाल सैनी ने चेयरमैन हाजी शाहनवाज़ लालू की जाति को चैलेंज किया था ।

चैयरमेन का पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद क्या खतौली नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद की सीट पर अब दोबारा से चुनाव होगा? इस पर राजनीति के जानकारों के साथ मतदाताओं की भी निगाहें लग गई है।

क़ानूनी जानकारों का कहना है कि अभी बहुत जल्दी इसकी सम्भावना नहीं है क्योंकि जिलाधिकारी की समिति के फैसले के खिलाफ चेयरमैन मंडलायुक्त के समक्ष अपील करेंगे, मंडलायुक्त की समिति इस फैसले को वापस जिलाधिकारी की समिति के पास भेज सकती है और यदि इसी फैसले को लागू करती है तो चेयरमैन के पास हाई कोर्ट जाने का विकल्प होगा।

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प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।

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