उत्तर प्रदेश

एडीजी के फर्जी हस्ताक्षर करने वाला बाबू जांच में दोषी

Admindelhi1
22 April 2024 8:44 AM GMT
एडीजी के फर्जी हस्ताक्षर करने वाला बाबू जांच में दोषी
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एएसपी ने जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट आईजी लखनऊ को भेज दी

लखनऊ: एडीजी जोन के फर्जी हस्ताक्षर कर सिपाहियों का तबादला करने का आदेश जारी करने वाला बाबू विनोद सिंह विभागीय जांच में दोषी पाया गया है. यह जांच हरदोई के एएसपी को सौंपी गई थी. एएसपी ने जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट आईजी लखनऊ को भेज दी है. जांच रिपोर्ट के आधार पर निलम्बित चल रहे बाबू पर विभागीय कार्रवाई करने की कवायद शुरू हो गई है. इस मामले में उसकी बर्खास्तगी तक की जा सकती है.

यह मामला जब हुआ था तब लखनऊ जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया थे. उनके फर्जी हस्ताक्षर कर तीन सिपाहियों का तबादला आदेश जारी कर दिया गया था. इस फर्जी आदेश पर उन्नाव में तैनात सिपाही विजय बहादुर यादव का अंबेडकरनगर, रायबरेली में तैनात संजय कुमार का बाराबंकी व अयोध्या में तैनात हरि मिश्र का तबादला सीतापुर करना दिखाया गया था. यह मामला पकड़ में आने पर वर्तमान एडीजी जोन अमरेंद्र कुमार सेंगर के आदेश पर जोन कार्यालय के बाबू विनोद सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. विनोद को तब निलम्बित कर दिया गया था. इसकी जांच एएसपी हरदोई नृपेंद्र को दी गई थी. जांच में उसके फर्जीवाड़े की पुष्टि हो गई. इस पर ही उन्हें दोषी माना गया है. इस फर्जी आदेश से पुलिस महकमे की काफी किरकिरी हुई थी. इसी आधार पर कहा जा रहा है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपी विनोद सिंह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.

वाहन चोरी करने वाले ह गिरफ्तार: अस्पताल व भीड़-भाड़ वाली जगह पर खड़ी गाड़ियां पलक झपकते ही मास्टर की से स्टार्ट कर चोरी कर लेते थे. इसके बाद कबाड़ी से यहां गाड़ियां कटवाकर उसके पार्ट्स बेच देते थे. आरोपितों ने लखनऊ के साथ दिल्ली और पटियाला से भी गाड़ियां चोरी की हैं. गिरोह के ऐसे ह सदस्यों को चिनहट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपितों के कब्जे से चोरी की तीन कार, दो बाइके और कटी हुई गाड़ियों के पार्ट बरामद हुए हैं.

पुरानी गाड़ियों को बनाते हैं निशाना डीसीपी पूर्वी प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि दिल्ली के रोहिणी निवासी परवेश चौहान उर्फ मोटा, अभिज्ञान सिंह टोटो उर्फ गोलू, चिनहट कमता के कासिम, बुद्ध विहार कॉलोनी के शमशुद्दीन, कान्तीपुरम के सादिक अली व मो. असलम को गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरोह का सरगना परवेश और अभिज्ञान हैं. दोनों तीन माह से चिनहट के रहमानपुर में किराये पर रहे थे. आरोपितों ने बताया कि रेकी कर गाड़ियां चोरी करते हैं. वह ज्यादातर पुरानी गाड़ियों को निशाना बनाते हैं. आरोपितों ने बताया कि कु दिन पहले उन्होंने चिनहट से दो बाइकें, विभूतिखंड से दो कार व एक बाइक चोरी करने की बात कबूल की. साथ ही पंजाब के पटियाला से एक कार चोरी की थी.

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