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कानपुर में शत्रु संपत्तियों पर कब्जे को लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट में सुनवाई हुई। डीएम विशाख जी की अध्यक्षता में मामलों को सुना गया। कमेटी के सामने पहले दिन 5 शत्रु संपत्तियों पर काबिज लोगों को बुलाया गया था। जिसमें सिर्फ 2 लोग ही कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए पहुंचे।
बाबा बिरयानी वाले ने रखा पक्ष
कमेटी के सामने शत्रु संपत्ति पर काबिज बाबा बिरयानी वाले मुख्तार के वकील ने अपना पक्ष रखा। कमेटी के सामने कहा कि उन्होंने आबिद रहमान से जमीन को खरीदा था। तो उनकी संपत्ति शत्रु संपत्ति कैसे हो सकती है। वहीं कंघी मोहाल में रहने वाले शान मोहम्मद भी अपना पक्ष रखने के लिए पहुंचे। शान ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था। उन्हें 27 जून तक का समय मिला है।
3 संपत्तियां घोषित होंगी शत्रु
कलेक्ट्रेट सभागार में चीफ सुपरवाइजर शैलेंद्र नाथ के नेतृत्व में तीनों संपत्तियों पर काबिज 32 लोगों के दस्तावेज व उनके तर्कों को सुनना शुरू किया गया है। अभी तक 12 ने दस्तावेज व जवाब प्रशासन व कस्टोडियन को नहीं दिए हैं।
डॉ. बेरी चौराहा स्थित रामजानकी मंदिर ट्रस्ट, नाला रोड स्थित दारूल मौला और हीरामन का पुरवा स्थित बशीर स्टेट तीनों संपत्तियों को शत्रु घोषित करने की कवायद चल रही है। इसमे काबिज 32 लोगों को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी करके दस्तावेज दिखाने और जवाब दाखिल करने का समय दिया था।
9 का मूल्यांकन पूरा हुआ
कानपुर की नौ शत्रु संपत्तियों को बेचने की कवायद तेज हो गई है। सोमवार तक रिपोर्ट डीएम व कस्टोडियन को भेज दी गई। जाजमऊ के वाजिदपुर हीरामन का पुरवा, ग्वालटोली, घाटमपुर के भदरस की छह संपत्तियों को शत्रु घोषित किया जा चुका है। वहां पर काबिज लोगों को बेचने की तैयारी है।
43 लोगों के नाम दर्ज
घाटमपुर के भदरस में दो संपत्तियों को शत्रु घोषित किया जा चुका है। इनका वैल्यूएशन किया गया तो मौके पर कब्रिस्तान और जमीन कई लोगों के नाम पर दर्ज मिली है। एक जमीन 5 बिस्वे की नवाब पुत्र पीरा