उत्तर प्रदेश

अयोध्या : राम मंदिर में सतह से 17 मीटर ऊंचे गर्भगृह तक पहुंचने के लिए एलिवेटर लगेगा

Renuka Sahu
28 Aug 2022 5:11 AM GMT
Ayodhya: Elevator will be installed to reach the sanctum sanctorum 17 meters above the surface in Ram temple
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फाइल फोटो 

रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के दिव्य मंदिर का निर्माण गति पकड़ चुका है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के दिव्य मंदिर का निर्माण गति पकड़ चुका है। नित नवीन शोध व आधुनिक तकनीक के जरिए हो रहे गर्भगृह निर्माण ने उर्ध्व भाग से शंख-चक्राकार व बाह्य दृष्टि से नागर शैली के स्थापत्य को समेटे किसी पुरातन प्राचीर की आकृति ग्रहण कर ली है। इस आकृति को रामजन्म भूमि ट्रस्ट ने सोशल मीडिया पर साझा किया है। इस बीच राम मंदिर के गर्भगृह की ऊंचाई को ध्यान में रखकर एलिवेटर लगाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। अगले दो माह में यहां एलिवेटर भी लगा दिया जाएगा।

पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तल पर बैठकर राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया था, उस तल की ऊंचाई समुद्र तल से 97 मीटर ऊपर था। इस तल से 107 मी. तक राम मंदिर के फाउंडेशन को कम्पैक्ट रीति से भरा गया। पुन: इसके ऊपर डेढ़ मीटर राफ्ट की ढलाई कराई गयी और फिर साढ़े छह मीटर फर्श का निर्माण ग्रेनाइट ब्लाकों से किया गया। इस तरह वर्तमान में यह ऊंचाई सतह से 17 मीटर ऊपर हो गयी है जिस पर चढ़कर आने जाने खासकर वीवीआइपी के लिए कठिन हो गया है। यही कारण शनिवार को रामजन्मभूमि ट्रस्ट के फाउंडर ट्रस्टी व सुप्रीम कोर्ट में रामलला के वयोवृद्ध अधिवक्ता केशव पारासरण गर्भगृह तक नहीं पहुंच सके।
फर्श निर्माण पूरा होने में अभी दस दिन का लगेगा समय
ग्रेनाइट के ब्लाकों के जरिए 21 फिट ऊंचे फर्श का निर्माण अंतिम चरण में है। इसमें लगनेे वाले 17 हजार ग्रेनाइट पत्थरों में साढ़े 16 हजार पत्थरों को यथास्थान रखवा दिया गया है। क्रेन टावरों से 30-35 टन वजन के पत्थरों को निर्धारित ऊंचाई के स्थान पर रखवाने में भी पर्याप्त समय लगता है। इस फर्श के साथ सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण भी गति पकड़ चुका है और गर्भगृह की महापीठ के साथ उसके अग्रभाग में बनने वाले गृहमंडप व उसकी दीवारों यानि मंडोवर के पत्थरों को भी लगाने का काम शुरु हो गया है।
70 दिनों में हुई निर्माण की प्रगति संतोषजनक : चंपत राय
खास बात यह है कि यह काम महज 70 दिनों में किया गया है। रामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि सुपर स्ट्रक्चर में बंशीपहाड़पुर के तराशे जा चुके लाल बलुआ पत्थर लगाए जाने है। इन्हें लगाने का काम एक जून 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शुभ हाथों से हुआ था। तब से लेकर अगस्त माह के अंतिम सप्ताह तक रविवार, रक्षाबंधन, स्वतंत्रता दिवस व जन्माष्टमी के त्योहारों के अवकाश के दिनों को छोड़कर 70 कार्यदिवसों में हुई प्रगति बहुत संतोषजनक है।
वह बताते हैं कि राम मंदिर के गर्भगृह जिसमें रामलला विराजित होंगे, के महापीठ में टनों वजन के 237 तराशे गये पत्थर निर्धारित डिजाइन के अनुसार सेट किए जा चुके हैं। इसी तरह से गर्भगृह के पूरब अग्रभाग में प्रस्तावित गर्भमंडप में 80 पत्थर लगाए जाने है। इसके सापेक्ष 24 पत्थरों को लगा दिया गया है। इसी तरह गर्भगृह की दीवार जिसे मंडोवर कहा जाता है, में भी 33 पत्थर लगा दिए गये है। इसके अतिरिक्त इनके सर्पोट में लगाए जाने बिना तराशे गये 14 पत्थरों को भी निर्धारित स्थान पर फिट कर दिया गया है।
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