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बरेली: फाइलेरिया के खिलाफ चल रहा अभियान जागरूकता के अभाव में कई इलाकों में लड़खड़ा गया है. लोग दवा खाने से इंकार कर रहे हैं. प्रदेश के जिलों में यह अभियान चलाया जा रहा है और यही वजह है कि अब तक किसी भी जिले में 50 फीसदी लक्ष्य भी पूरा नहीं हुआ है. तक सबसे खराब स्थिति शाहजहांपुर जिले की है जहां महज 31 प्रतिशत लोगोें ने ही फाइलेरिया की दवा खाई है.
बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत समेत प्रदेश के जिलों में फाइलेरिया रोधी अभियान के तहत दवा खिलाने का अभियान चलाया जा रहा है. इसमें 2 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य बनाया गया है. लेकिन जागरूकता अभियान चलने के बाद भी कई इलाकों में लोग दवा खाने को तैयार नहीं हैं. इसके चलते लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है.
प्रदेश में शाहजहांपुर की स्थिति सबसे खराब है. वहीं प्रयागराज, सोनभद्र में सिर्फ 32 प्रतिशत लोगों ने दवा खाई है. पीलीभीत, जौनपुर, प्रतापगढ़ में 33 प्रतिशत, लखनऊ और जालौन में 34 फीसदी और उन्नाव में 35 प्रतिशत लोगों ने दवा खाई है.
लक्ष्य पूरा करने में बांदा आगे: प्रदेश में बांदा जिले में सबसे अधिक 45 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हुआ है. दूसरे नंबर पर हमीरपुर है जहां 44 फीसदी लोगों ने फाइलेरिया की दवा खा ली है. तीसरे नंबर पर आजमगढ़, बलिया, बाराबंकी है जहां 43प्रतिशत लक्ष्य पूरा हो गया है. बरेली और अमेठी जिले में 41 प्रतिशत लोगों ने दवा खाई है. सूची में 5वें स्थान पर वाराणसी है जहां 40 प्रतिशत लोगों ने दवा खाई है.
बरेली के इन इलाकों में विरोध: जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. प्रशांत रंजन ने सभी सीएचसी, यूपीएचसी प्रभारियों से ऐसे इलाकों में काउंसिलिंग करने को कहा है. ट्यूलिप टावर, अंसारी मोहल्ला, किसान टोला, हुसैन बाग, गुद्दड़बाग, सेमलखेड़ा, मिरदान, फाइक इंक्लेव, माडल टाउन, रोहलीटोला, परतापुर, महानगर, किला, बाकरगंज, चौधरीतालाब, रामपुर गार्डेन, सूफीटोला, काजीटोला, सनसिटी, भटनागर कालोनी, आईवीआरआई, एकतानगर, रेलवे कालोनी, ठिरिया, बाग अहमद अली, कसाईटोला, नवादा शेखान, बिहारीपुर, राजेंद्रनगर, सिविल लाइंस, सुपर सिटी में कई लोगों ने फाइलेरिया की दवा खाने से इंकार किया है.