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प्राधिकरणों को बताना होगा वर्ष में कितने मकान बनाएंगे
लखनऊ न्यूज़: शहरों में लोगों की आवासीय जरूरतों का सर्वे कराते हुए अब मकान बनाए जाएंगे. विकास प्राधिकरणों को इसके लिए कार्ययोजना तैयार करते हुए शासन को उपलब्ध कराना होगा. इसका मकसद बने हुए मकानों को हाथों-हाथ बेचना और खंडहर होने से बचाना है. आवास विभाग ने प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों को इस संबंध में निर्देश भेज दिया है.
आवास विभाग चाहता है कि भविष्य में ऐसे मकान बनाए जाएं जिसे लोगों को लेना अधिक महंगा न पड़े. मौजूदा समय विकास प्राधिकरण अपने हिसाब से आवासीय योजनाएं ले आते हैं, जिसके चलते वे बिकते नहीं हैं और धीरे-धीरे खंडहर हो जाते हैं.
शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों की एक बैठक में इन बिंदुओं पर चर्चा हुई. इसमें विचार-विमर्श के दौरान यह सहमति बनी कि बिना कार्ययोजना तैयार किए मकान न बनाए जाएं. मकान ऐसे बनाए जाएं जिसकी जरूरत हो. इसके आधार पर ही सर्वे के आधार पर मकान बनाने की अनिवार्यता की जा रही है.
प्रदेश बाल श्रम से मुक्त होगा राजभर
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि बीओसी बोर्ड ने श्रमिकों के हितों के लिए ऐतिहासिक कार्य किये हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार श्रमिकों और मजदूरों के लिए पूरी तरह समर्पित हैं.
राजभर विधान भवन स्थित तिलक हॉल में श्रम विभाग के अन्तर्गत बीओसीडब्ल्यू बोर्ड, श्रम आयुक्त संगठन, कारखाना व ब्वायलर विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आगामी पांच वर्षों में प्रदेश को बाल श्रम मुक्त कराना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है. अटल आवासीय स्कूलों का निर्माण कार्य जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए.
प्रमुख सचिव श्रम अनिल कुमार ने कारखानों के पंजीयन के लिए प्राप्त एवं निस्तारित आवेदनों के संबंध में अवगत कराया.