उत्तर प्रदेश

पीलीभीत में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बन पूर्व विधायक से ठगी की कोशिश

Admindelhi1
24 Feb 2024 5:21 AM GMT
पीलीभीत में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बन पूर्व विधायक से ठगी की कोशिश
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आरोपी को गिरफ्तार किया गया

बरेली: ठग ने अपने साथी की मदद से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बनकर पीलीभीत में बरखेड़ा के पूर्व विधायक किशन लाल राजपूत को फोन करके ठगी की कोशिश की. आरोपी ने उन्हें पीलीभीत लोकसभा से टिकट दिलाने का झांसा दिया था. पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर फर्जी गृहमंत्री बनने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. उसके साथी की तलाश चल रही है.

पुलिस के मुताबिक मोबाइल नंबर 7088283494 से एक व्यक्ति ने चार जनवरी से 20 जनवरी के बीच पीलीभीत में बरखेड़ा विधानसभा के पूर्व विधायक किशनलाल राजपूत को नौ बार फोन किया. इस दौरान आरोपी ने खुद को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बताया और टिकट दिलाने का झांसा देकर रुपये ठगने की कोशिश की. पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि यह मोबाइल नंबर नवाबगंज के गांव समूहा निवासी हरीश के नाम पर पंजीकृत है. पुलिस ने हरीश से पूछताछ हुई तो पता चला कि उसने 29 दिसंबर को यह सिम खरीदा था और कुछ ही देर बाद गांव के ही रविंद्र मौर्य और शाहिद खान ने सिम छीन लिया. इसके बाद पुलिस ने उन दोनों की तलाश में दबिश दी लेकिन रविंद्र मौर्य ही हाथ आ सका. शाहिद खान पुलिस पहुंचने से पहले ही फरार हो गया.

तोड़ दिया सिम, मोबाइल ने खोली पोल नवाबगंज के इंस्पेक्टर क्राइम विनोद कुमार ने बताया कि पुलिस ने जब रविंद्र मौर्य को पकड़ा तो वह सिम तोड़कर फेंक चुका था. मगर जब उसका मोबाइल चेक किया गया तो पूर्व विधायक किशन लाल राजपूत के मोबाइल पर कॉल करने की डिटेल मिल गई. पूछताछ में उसने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया और बताया कि शाहिद खान के साथ मिलकर उसने यह प्लानिंग की थी. नवाबगंज के मामले में इंस्पेक्टर क्राइम विनोद कुमार की ओर से रविंद्र मौर्य व शाहिद खान के खिलाफ धोखाधड़ी, लूट, रूप प्रतिरूपण समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है.

मिलने की बात कही तो बचता था पूर्व विधायक: बरखेड़ा से भाजपा के पूर्व विधायक किशन लाल राजपूत ने बताया कि करीब एक सप्ताह से उन्हें फोन करने वाला शख्स खुद को गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय में कार्यरत बताता था. लोक सभा का टिकट दिलाने के नाम पर मुझे गुमराह करने का प्रयास करता था, पर जब मैंने मुलाकात के लिए कहा तो उसने कहा कि मैं मिलता नहीं हूं. तभी मुझे शक होने लगा. दिल्ली या लखनऊ में भी मुलाकात कर सकते हैं, पर गुमराह करने वाला मुलाकात से बचता रहा. फ्लैक्सी और होर्डिंग पर लिखे नंबर ऐसे लोग पा जाते हैं. संभव है कि कुछ और लोगों को भी इसी तरह से फोन काल्स किए गए हों.

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