उत्तर प्रदेश

हमलावर का नाम बदला, धारा नहीं लगाई: डीएसओ

Admin Delhi 1
14 Aug 2023 6:49 AM GMT
हमलावर का नाम बदला, धारा नहीं लगाई: डीएसओ
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शहर में केवल 5 ब्राउजर

मेरठ: आपूर्ति विभाग की टीम पर हुए हमले के मामले में दर्ज एफआईआर को लेकर डीएसओ विनय कुमार ने नाराजगी जताई है. उन्होंने सिविल लाइन पुलिस पर हमला करने वालों का बचाव करने, मुख्य हमलावर का एफआईआर में नाम बदलने और वारदात के अनुरूप धारा न लगाने का आरोप लगाया है. इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी दीपक मीणा को पत्र भी लिखा है. उधर, आपूर्ति विभाग की ओर से आवश्यक वस्तु अधिनियम का एक और मुकदमा दर्ज कराया गया है.

आपूर्ति विभाग की टीम को सूचना मिली कि मैसर्स सूरजकुंड फिलिंग स्टेशन पर ब्राउजर की मदद से डीजल की बिक्री का अनाधिकृत कार्य किया जा रहा है. पूर्ति निरीक्षक तारावती, एआरओ जोगिंदर सिंह, पंकज कुमार, पशुपति देव जांच के लिए मौके पर पहुंचे तो ब्राउजर के कागजात मांगे जाने पर विवाद हो गया. इसी दौरान एआरओ पंकज कुमार पर हमला किया गया, जिसमें वह घायल हो गये. डीएसओ विनय कुमार ने पुलिस की मंशा पर सवाल उठाए. कहा कि सरकारी टीम पर हमला हुआ. महिला अधिकारी से अभद्रता की गई. एआरओ पर नुकीली चीज से हमला किया, जिसमें वह घायल हो गये. दोनों ही गंभीर आरोप हैं, जिन्हें पुलिस ने एफआइआर में शामिल नहीं किया. सबसे बड़ी बात कि मुख्य हमलावर का नाम ही बदल दिया गया.

मामले में एक और मुकदमा

पुलिस ने एक और मुकदमा दर्ज किया. यह भी आपूर्ति निरीक्षक तारावती की तहरीर पर था. आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत यह कार्रवाई की गई है. इसमें सूरजकुंड फिलिंग स्टेशन के प्रोपराइटर संजय जैन, उनके बेटे प्रशांत जैन और पंप मैनेजर कुलदीप शर्मा को नामजद किया है.

शहर में केवल 5 ब्राउजर

डीएसओ ने बताया कि तेल कंपनियों ने जिले में केवल पांच ब्राउजर को लाइसेंस जारी किया है, जबकि जांच में आया है कि 150 ब्राउजर अवैध रूप से संचालित हैं. वैध ब्राउजर के लिए तेल कंपनी से अनुबंध का पत्र, एक्सप्लोसिव लाइसेंस जरूरी है.

एफआईआर में हमलावर का नाम बदला गया और कई धाराएं भी नहीं लगाई गई. यह पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है. इसकी शिकायत की जा रही है. विभाग ने आवश्यक वस्तु अधिनियम का एक अन्य मुकदमा पंजीकृत कराया है. - विनय कुमार, जिला पूर्ति अधिकारी

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