उत्तर प्रदेश

अटल बिहारी वाजपेयी का था गहरा नाता, 1982 में की थी दो जनसभाएं

Shantanu Roy
25 Dec 2022 9:34 AM GMT
अटल बिहारी वाजपेयी का था गहरा नाता, 1982 में की थी दो जनसभाएं
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मेरठ। मेरठ में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बिताए क्षण, संस्मरण और भाषण आज भी पुराने भाजपाइयों में अमिट छाप छोड़े हैं। अटल बिहारी वाजपेयी 25 दिसंबर को अपना जन्मदिन पूरी सादगी के साथ मनाते थे।
1982 में दो जनसभाएं
पूर्व प्रधानमंत्री को नजदीक से जानने वाले सांसद डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी संस्मरणों को याद करते हैं। सांसद डा. वाजपेयी ने बताया कि 1982 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मेरठ आए थे। मेरठ में इस दौरान दो जनसभाओं को अटल बिहारी वाजपेयी ने संबोधित किया था। इनमें पहली जनसभा मवाना में दिन में और दूसरी जिमखाना मैदान पर थी। संघ के पूर्व प्रचारक अजय मित्तल संस्मरण को याद कर बताते हैं कि जिमखाना मैदान शाम होने से पहले लोगों की भीड़ से भर गया था। जिमखाना मैदान में 60 से 70 हजार लोग उन्हें सुनने पहुंचे थे। जिमखाना मैदान से बच्चा पार्क चौराहा और बुढ़ाना गेट तक सड़क पर लोगों की भीड़ थी। उस समय उन्होंने विधायक मोहनलाल कपूर की सराहना की थी।
मेरठ की मिट्टी इतिहास की गवाह
जिमखाना की जनसभा में अटल ​बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि मेरठ की मिट्टी इतिहास की गवाह है। 1857 की क्रांति की ज्वाला यहीं से फूटी। मेरठ में ही उन्होंने कहा था कि इस देश का युवा जागेगा, तो देश जागेगा। मैं अपील करता हूं, कि कार्यकर्ता लोगों को पार्टी से जोड़ें। 1983 में उन्होंने विक्टोरिया पार्क में जनसभा को संबोधित किया था। पूर्व मंत्री और राज्यसभा सांसद डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी बताते हैं कि 1984 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो हिंसक घटनाएं हुईं थीं। उस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने मवाना, सरधना और जिमखाना में जनसभा को संबोधन किया था। इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि आज लहर किसी की भी हो, एक दिन समय हमारा भी होगा'। 'देश की राजनीति के लिए हमने सब कुछ एक कर दिया। एक दिन यही भारतीय जनता पार्टी अपने शिखर तक पहुंचेगी'। डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी कहते हैं कि आज अटल जी नहीं हैं लेकिन उनकी बात सच साबित हो रही है।
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