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अस्पतालों में दोगुना बढ़े अस्थमा रोगी, डॉक्टरों ने बचाव के दिए सुझाव
फैजाबाद न्यूज़: शहर में जगह-जगह खोदी गई सड़कों व निर्माण कार्यों की वजह से उठ रहा धूल का गुबार लोगों के फेफड़े पर वार कर रहा है. इसका नतीजा है कि इन दिनों अस्पतालों में अस्थमा रोगियों की तादाद में दोगुना इजाफा हुआ है. मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट विभाग में प्रतिदिन करीब 25-30 नए मरीज पहुंच रहे हैं. विशेषज्ञों ने इससे बचाव के लिए कोविड जैसे नियमों का पालन करने की सलाह दी है.
शहर में करीब 13 किलोमीटर दूरी में बन रहे रामपथ के अलावा जिले में अलग-अलग क्षेत्रों में तमाम निर्माण कार्य एक साथ चल रहे हैं. जगह-जगह सड़कें खोदी गई हैं. एक साथ हर क्षेत्र में निर्माण कार्यों की वजह से सड़क पर उठ रहे धूल के गुबार के बीच से ही गुजरना आमजन की मजबूरी बन गई है, जिसका उन्हें गंभीर खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
धूल के कण नाक व मुंह रास्ते प्रवेश करके सर्दी, जुकाम के बाद सांस संबंधी बीमारियां पैदा कर रहे हैं. इसी का असर है कि राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज की टीबी एंड चेस्ट ओपीडी में फरवरी माह की अपेक्षा सांस संबंधी रोगों के करीब दोगुना मरीज बढ़ गए हैं. इन मरीजों में सर्दी, जुकाम के बाद सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्थमा के लक्षण आ गए हैं. प्रतिदिन आने वाले करीब सौ मरीजों में 25-30 मरीज इन्हीं लक्षणों वाले पहुंच रहे हैं.
यह है शुरुआती लक्षण धूल से आम लोगों को होने वाली एलर्जी की वजह से शुरुआती दौर में सर्दी-जुकाम, गले में खराश होने की समस्या होती है. बाद में सांस फूलने लगती है और अस्थमा हो जाता है. सावधानी व उपचार न शुरू करने पर गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं.
सड़क पर बाहर निकलें तो कोविड के नियमों का पूरी तरह अनुपालन करें. मुंह व नाक को अच्छी तरह ढंककर बाहर निकलें. पहले से जो एलर्जी, अस्थमा व सीओपीडी के मरीज हैं, वह अपना उपचार बंद न करें और सावधान रहें. यदि किसी को सर्दी, जुकाम की समस्या होती है तो घर में ही पानी की भाप लेना प्रारंभ करें और परिवार के अन्य सदस्यों से दूरी बनाएं. कोई दिक्कत होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.
-डॉ. एसके वर्मा, चेस्ट फिजीशियन, मेडिकल कॉलेज