उत्तर प्रदेश

रुद्रा, जतस्या और अंतरिक्ष बिल्डर की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी

Admin Delhi 1
12 May 2023 10:50 AM GMT
रुद्रा, जतस्या और अंतरिक्ष बिल्डर की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी
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नोएडा न्यूज़: बकायेदार बिल्डरों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है. सुपरटेक समूह पर सख्ती के एक दिन बाद रुद्रा, जतस्या और अंतरिक्ष बिल्डर के मालिकों को गिरफ्तार करने के लिए वारंट जारी कर दिए गए. वहीं, जेपी एसोसिएट्स, लॉजिक्स और महागुन के कार्यालयों को सील करने के आदेश जारी हुए हैं. जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से बिल्डर लॉबी में हड़कंप मचा हुआ है.

जिला प्रशासन ने यूपी रेरा के बड़े बकायेदारों में से एक सुपरटेक समूह के चेयरमैन आर.के अरोड़ा को हिरासत में लेकर अपने इरादे जता दिए थे कि अब बड़े बिल्डरों पर भी जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा. उपजिलाधिकारी दादरी आलोक गुप्ता ने बताया कि रुद्रा बिल्डवेल के मालिक मुकेश खुराना, जतस्या बिल्डर कंपनी के मालिक मयंक चावला और नोएडा-ग्रेटर नोएडा में विभिन्न प्रोजेक्ट बना रहे अंतरिक्ष बिल्डर के राजेश यादव की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किए गए हैं.

इनकी गिरफ्तारी के लिए तहसील की चार टीमें विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं. वहीं, जेपी एसोसिएट्स, लॉजिक्स और महागुन बिल्डर ने कई बार नोटिस जारी करने और मुनादी कराये जाने के बाद भी बकाये का भुगतान नहीं किया. इस कारण इनके कार्यालयों को सील किया जाएगा. तहसील के सबसे बड़े बकायेदार वेव के बैंक खातों की जांच जारी है. बकाया नहीं देने पर इन बैंक खातों को कुर्क कर लिया जाएगा.

आपको बता दें कि सुपरटेक समूह के चेयरमैन आर.के अरोड़ा को बकाया भुगतान नहीं करने पर जिला प्रशासन ने हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. बाद में उनकी कंपनी के द्वारा फ्लैट खरीदारों के साथ पांच करोड़ रुपये के समझौते, दो करोड़ रुपये का ड्राफ्ट देने और पूरे 26 करोड़ के बकाये का इसी महीने भुगतान किए जाने के वायदे के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था.

अंसल एपीआई पर भी दबाव बनाया सदर तहसील में भी बकायेदार बिल्डरों पर शिकंजा कसा जा रहा है. एसडीएम सदर अंकित कुमार के अनुसार अंसल एपीआई तहसील का सबसे बड़ा बकायेदार है, जिसके खिलाफ 33 करोड़ रुपये की आरसी जारी हुई हैं. यह आरसी हाल ही में एनसीएलटी से वसूली के लिए वापस सदर तहसील में भेजी गई. इसके लिए प्रशासन अंसल एपीआई पर दबाव बनाए हुए है. अन्य दो बड़े बकायेदार सिक्का ग्रुप और ग्रीन वे बिल्डर के खिलाफ भी प्रशासन का रुख सख्त है. सदर तहसील में कुल 28 बिल्डरों से 380 आरसी के 160 करोड़ रुपये की वसूली की जानी है. इसके लिए निर्देश जारी हो चुके हैं.

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