उत्तर प्रदेश

चारबाग रेलवे स्टेशन में पार्किंग के नाम पर हो रही मनमानी वसूली

Admindelhi1
25 April 2024 8:29 AM GMT
चारबाग रेलवे स्टेशन में पार्किंग के नाम पर हो रही मनमानी वसूली
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निजी एजेंसी को यह ठेका रेलवे ने ही दे रखा है

लखनऊ: चारबाग रेलवे स्टेशन में पार्किंग के नाम पर मनमानी वसूली हो रही है. रेलवे की पार्किंग में दो घंटे तक बाइक खड़ी करने पर पांच रुपये तो निजी पार्किंग में रुपये वसूला जा रहा है. निजी एजेंसी को यह ठेका रेलवे ने ही दे रखा है. पार्किंग चार्ज को लेकर आए दिन विवाद होता है. एक रेलवे स्टेशन पर दो तरह की पार्किंग दरों से अक्सर शुल्क को लेकर ठेकेदार और वाहन स्वामी के बीच कहासुनी हो रही है.

उत्तर रेलवे ने चारबाग में खुद की पार्किंग को पिछले दिनों ठेके पर दे दिया. यह पार्किंग चारबाग रेलवे स्टेशन के ठीक सामने की प्रीमियम पार्किंग है. जहां सिर्फ चार पहिया वाहन खड़े होते हैं. इसके पूर्वी छोर पर मीटर दूर नॉर्मल पार्किंग है. इसमें कार और दो पहिया वाहन दो पार्क होते है. ये दोनों पार्किंग ठेके पर हैं. एक पार्किंग लखनऊ जंक्शन के ठीक सामने हनुमान मंदिर के पास है. यहां सिर्फ दो पहिया वाहन खड़े होते हैं. यहां बाइक से पांच रुपये लिए जा रहे है. इस संबंध में रेलवे के अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. पूछने पर सिर्फ इतना कहा कि जो भी दिक्कतें हैं, उन्हें बात कर दूर कर लिया जाएगा.

वेटिंग कंफर्म नहीं,रेलवे काट रहा सर्विस चार्ज

अगर आपने आईआरसीटीसी की वेबसाइट से वेटिंग टिकट बुक किया और वो कंफर्म नहीं हुआ तो खुद रेलवे उसे कैंसिल कर देती है और आप द्वारा भुगतान किए गए टिकट की धनराशि का बड़ा हिस्सा सर्विस चार्ज के रूप में काट लिया जाता है.

उदाहरण के लिए 240 रुपये का वेटिंग टिकट बुक करने पर कंफर्म न होने की सूरत में रेलवे 0 रुपये ही लौटाता है. यानी बिना किसी सर्विस का लाभ दिए ही रेलवे यात्रियों की सर्विस चार्ज के रूप में जेब काट रहा है. अब आप इसे रेलवे की लूट कहे या नागरिकों का राष्ट्र विकास में किया गया सहयोग. रेलवे को इससे प्रतिवर्ष हजारों करोड़ की कमाई हो रही हैं. इंदु भाल तिवारी की ओर से मांगी गई आरटीआई सूचना से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 22-23 में भारतीय रेल ने टिकट कैंसलेशन के नाम पर करीब 2110 करोड़ कमाए. वर्ष 23-24 दिसंबर तक 62.62 करोड़ का वेटिंग टिकट रद्द करने के नाम पर यात्रियों से वसूला गया. रेलवे ने यह जवाब 21 मार्च 24 को जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचना पर पांच 24 को दिया है. सूचना के अधिकार कानून के तहत यह जानकारी नेशनल क्राइम इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (एनसीआईबी) ने मांगी थी.

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