उत्तर प्रदेश

दाखिल खारिज के लिए मनमानी वसूली

Admin Delhi 1
23 Jun 2023 8:02 AM GMT
दाखिल खारिज के लिए मनमानी वसूली
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लखनऊ न्यूज़: आवास विकास आवंटियों से दाखिल खारिज के नाम पर मनमाना शुल्क वसूल रहा है. शासनादेश की परवाह किए बिना पहले की तरह ही संपत्ति का एक प्रतिशत शुल्क वसूला जा रहा है.

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दाखिल खारिज के नाम पर लोगों से ज्यादा शुल्क वसूलने की जानकारी मिली थी. इसका उन्होंने बैठक में जिक्र करते हुए शुल्क कम करने का निर्देश दिया था. इस पर अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने 25 जुलाई 2022 को अधिसूचना जारी कर दी थी. इसमें कम से कम एक हजार और अधिकतम 10 हजार रुपये ही शुल्क की व्यवस्था दी गई. इससे प्रदेश भर में दाखिल खारिज का शुल्क एक समान हो गया था.

इससे ज्यादा कोई नहीं ले सकता है. प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरण इसी आधार पर शुल्क वसूल रहे हैं पर आवास विकास मनमानी कर रहा है.

इतना अधिक पड़ रहा शुल्क गरीबों के पांच लाख तक के मकान के लिए केवल एक हजार रुपये शुल्क निर्धारित है लेकिन आवास विकास पांच हजार रुपये वसूल रहा है. 50 लाख के मकान के लिए 50 हजार देना पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार डेढ़ करोड़ के मकान, फ्लैट व प्लॉट के लिए लोगों को 1.50 लाख रुपये जमा करना पड़ रहा है. इससे प्रदेश भर में हजारों लोग पेरशान हैं.

4695 का दाखिल खारिज हुआ

आवास विकास ऑनलाइन दाखिल खारिज करता है. कुल 7817 लोगों ने आवेदन किया है. इसमें से 4695 लोगों का दाखिल खारिज कर चुका है. 618 लोगों का लम्बित है, जिनमें से 271 लोगों का तो समय भी निकल चुका है. फिर भी आवास विकास ने काम नहीं किया. जिनके शासनादेश के मुताबिक शुल्क जमा की बात कही, उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए.

प्राधिकरणों व आवास विकास सभी के लिए दाखिल खारिज शुल्क निर्धारित किया था. आवास विकास परिषद क्यों आदेश को नहीं मान रहा इसकी रिपोर्ट मांगी जाएगी. आवास आयुक्त बाहर हैं. तक आएंगे. उनसे रिपोर्ट लेकर कार्रवाई की जाएगी. नितिन रमेश गोकर्ण, अपर मुख्य सचिव, आवास

शासनादेश में ये निर्धारित हैं शुल्क

सम्पत्ति की कीमत निर्धारित शुल्क

पांच लाख तक 1000

पांच से और 10 लाख तक 2000

10 लाख से 15 लाख तक 3000

15 लाख से 50 लाख तक 5000

50 लाख से अधिक 10000 (रुपये में )

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